ट्रेनों का परिचालन शुरू होते ही सक्रिय हो गये टिकट दलाल

सहरसा। सहरसा से लंबी दूरी के बीच चलने वाली ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी होते ही टिकट दलाल की सक्रियता बढ़ गई है। सहरसा से चल रही स्पेशल ट्रेनों में हर यात्री को अपना आरक्षण टिकट कटाना जरूरी है। सामान्य सीट का भी टिकट आरक्षित कराना पड़ता है। जिसके कारण दलाल अधिक सक्रिय हो गये हैं। आरपीएफ ने दो दिन पहले ही एक टिकट दलाल को 20 आरक्षण टिकट के साथ गिरफ्तार किया था।

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आरपीएफ की है नजर
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सहरसा, सिमरीबख्तियारपुर सहित सुपौल, बनमनखी स्टेशन स्थित आरक्षण काउंटर सहित ट्रेवल एजेंसी पर आरपीएफ की नजर है। सूत्र बताते हैं कि सहरसा रेलखंड सहित अन्य जगहों पर भी बाजारों में खुले ट्रेवल एजेंसी की आड़ में दूसरों के आईडी बनाकर टिकट कालाबाजारी का धंधा चल रहा है। सहरसा से ट्रेनों का परिचालन अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। सहरसा से एक-दो ट्रेन को छोड़कर सारी ट्रेनों का परिचालन पूर्ववत शुरू हो गया है।

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कोसी इलाका में करीब 50 से ज्यादा है ट्रेवल एजेंसी
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सहरसा सहित कोसी इलाका में 50 से अधिक ट्रेवल एजेंसी है। ट्रेवल एजेंसी की आड़ में ही कुछ लोग फर्जी आईडी पर लंबी दूरी की ट्रेनों में टिकट दलाली का काम बदस्तूर जारी है। सहरसा से दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में ही अधिकतर टिकट कालाबाजारी का काम होती है। नई दिल्ली जाने के लिए गरीब रथ का किराया एक हजार रुपये है। दिल्ली सहित अन्य प्रांतों में काम की तलाश में अधिकांश मजदूरों की टोली जाती है। जो ट्रेवल एजेंसी के ही चक्कर में फंस जाते हैं और एजेंसी संचालक उससे मनमाना पैसा वसूल करते है।
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कोट
आरपीएफ कमांडेंट एके लाल के निर्देश पर रेल आरक्षण काउंटर पर रेल सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती रहती है। टिकट कालाबाजारियों पर अंकुश लगाने के लिए नियमित रूप से सादे लिबास में काउंटर पर जांच की जाती है। शिकायत मिलने पर निर्धारित किराया से अधिक पैसा लिए जाने पर संबंधित ट्रेवल एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
पंकज कुमार प्रसाद, निरीक्षक, रेल सुरक्षा बल

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