महादलितों को घर में रोजगार मुहैया कराएगी राज्य सरकार

सहरसा। कोरोना संक्रमण के बाद दूसरे प्रदेशों से लौटे कोसी क्षेत्र से महादलित प्रवासियों को घर पर रोजगार मुहैया कराने की रणनीति कल्याण विभाग और राज्य सरकार द्वारा बनाई जा रही है। अन्य प्रदेशों में पलायन रोकने के लिए जहां सरकार व जिला प्रशासन नवप्रवर्तन योजना से आर्थिक सहयोग प्रदान कर रही है। वहीं कलस्टर में इनलोगों को बांस और कास उत्पाद तैयार करने के लिए सामुदायिक भवन सह वर्क शेड की भी सुविधा देगी। इस सामुदायिक भवन में जहां महादलित समुदाय के लोगों को विवाह, मुंडन, बैठक, गोष्ठी आदि का आवश्यकतानुसार आयोजन किया जाएगा, वहीं इस स्थान का उपयोग बांस व कास उत्पाद टोकरी, खाट, कुर्सी टेबल,चटाई आदि का निर्माण किया जाएगा। सरकार व प्रशासन की मंशा है कि स्थानीय स्तर पर आर्थिक सहायता व रोजगार मिलने से मजदूरों का पलायन रुकेगा।


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चालू वित्तीय वर्ष में बनेगा सात वर्क शेड
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सरकार ने हालांकि हर महादलित टोला में 25-25 लाख की लागत से सामुदायिक भवन सह वर्कशेड का निर्माण किया जाना है। इसके लिए एक सौ परिवार व पांच सौ आबादी वाले टोला को चिह्नित किए जाने का प्रावधान है। चालू वित्तीय वर्ष में जिले में सात वर्कशेड बनाने की योजना है। इसके चयन की प्रक्रिया चल रही है। स्थल चयन के साथ ही वर्कशेड निर्माण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
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मजदूरों का समूह को उद्योग विभाग से मिलेगी आर्थिक सहायता
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बांस व कास उत्पाद का कार्य करने वाले महादलित समुदाय के मजदूरों का पहले समूह गठित किया जाएगा। तत्पश्चात उस समूह को कलस्टर में कार्य प्रारंभ करने के लिए आवश्यकतानुसार उद्योग विभाग से ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इस ऋण की राशि और वर्कशेड का उपयोग कर महादलित समुदाय के लोग घर पर ही जीविकोपार्जन का बेहतर अवसर प्राप्त करेंगे।
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चालू वित्तीय वर्ष में जिले में सात सामुदायिक भवन सह वर्कशेड निर्माण किए जाने की योजना है। इसके लिए विभाग स्तर से कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है।
शैलेश कुमार सिंह
जिला कल्याण पदाधिकारी सहरसा।

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