सहरसा। कहां तो तय था चिराग हर घर के लिए कहा मयस्सर नहीं शहर के लिए। उक्त लाइन नगर परिषद पर फिट बैठती है। नप क्षेत्र के बिजली खंभों पर लाइट लगाकर अंधेरे को दूर भगाना था। परंतु यहां आज भी कई मुहल्लों में अंधेरे का राज कायम है। हद यह कि जहां लाइट लगायी भी गयी वहां महज दो-तीन माह में ही यह खराब हो गयी। स्थिति यह है कि महिला कालेज से लेकर हवाई अड्डा मोड़ तक किसी भी बिजली खंभे पर रोशनी नहीं है। यही हाल नया बाजार का है।
जानकारी अनुसार राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्र को रोशन करने के लिए हर बिजली के खंभे पर लाइट लगाने का फैसला किया। इसके तहत पहले तो काफी विलंब से सहरसा नप क्षेत्र में लाइट लगाने का कार्य शुरू हुआ। लाइट की गुणवत्ता ऐसी कि कुछ माह में ही यह खराब हो गयी। इसके बाद इसके मरम्मत की जहमत भी एजेंसी द्वारा नहीं उठायी गयी। नतीजा यह हुआ कि कागजों में शहर रोशन है और हकीकत में लोग अंधेरे में रहने को विवश हैं। हवाई अड्डा मोड़ से सराही तक बिजली के खंभों पर कुछ माह पूर्व ही लाइट लगायी गयी। पूरा मुहल्ला जगमगा रहा था लेकिन रफ्ता-रफ्ता लाइट खराब होती चली गयी और वर्तमान में लगभग पूरा मुहल्ला अंधकार में डूबा हुआ है। इस दिशा में कई बार नप के कार्यपालक पदाधिकारी से शिकायत की गयी परंतु नतीजा कुछ नहीं निकला। लोगों का कहना है कि एजेंसी द्वारा घटिया लाइट की आपूर्ति की गयी। इस कारण जल्द ही यह खराब हो गयी। लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि जल्द ही लाइट ठीक नहीं की गयी तो लोग न्यायालय का शरण लेने को विवश होंगे।