सहरसा। पूर्व मध्य रेल सहरसा रेलखंड में सक्रिय नशाखुरानी गिरोह का ठिकाना बनमनखी हुआ करता था। बनमनखी में ही नशाखुरानी गिरोह के अधिकतर सदस्य जमा होकर घटना को अंजाम देते थे।
सहरसा रेल खंड में विशेषकर बरौनी एवं समस्तीपुर से सहरसा आनेवाली ट्रेनों में बैठे यात्री को गैंग के सदस्य अपना शिकार बनाते थे। सहरसा के तीनों रेलखंडों में यात्रियों को नशीला पदार्थ खिलाकर लूटनेवाले गिरोह की सक्रियता इतनी अधिक थी कि हर दिन किसी न किसी ट्रेन में यात्रियों को शिकार बना ही लेता था। इतना ही नहीं, गिरोह ने महिलाओं को भी ट्रेंड कर इस धंधे में शामिल कर लिया। महिलाएं आराम से यात्री से घुल मिल जाती है। इसी का फायदा नशाखुरानी गिरोह उठाते थे। ट्रेन में बैठे यात्रियों से महिलाएं आराम से नजदीकी हासिल कर लेती है। मौका देखकर उसे अपना शिकार बना लेती है। ट्रेन में यात्रा के दौरान ही चाय या पानी में नशीला पदार्थ खिला देती है। उसके बेहोश होते ही उसके आसपास बैठे अन्य साथी उसका सारा सामान लेकर चंपत हो जाता। यात्री को जब तक होश आता तो उसका सारा सामान गायब हो चुका होता है।
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वर्ष 2016 में ही बनमनखी के धोकरधारा का रहनेवाला नशाखुरानी गिरोह का सरगना अजय साह को सहरसा रेल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिसने अपने गिरोह के अन्य सदस्यों का नाम सार्वजनिक किया था। इस मामले में रेल पुलिस ने इनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की थी। इतना ही नहीं सहरसा जिले के नवहट्टा के चंद्रायण के रहनेवाले सिकंदर की गिरफ्तारी भी समस्तीपुर में 2016 में ही हुई थी। रेल पुलिस की मानें तो सिकंदर का अपना गिरोह था। जिसे वह खुद संचालित करता था।
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कमा कर घर लौट रहे मजदूर को बनाते थे शिकार
बिहार के बाहर अन्य प्रदेशों से कमाकर घ्र लौट रहे मजदूरों को ही नशाखुरानी गिरोह अपना शिकार बनाते थे। गिरोह के सदस्य एक- एक कर मजदूर यात्री के आसपास बैठ जाते और क्षेत्रीय भाषा में ही बातचीत करना शुरू करते। खुद को भी मजदूर बताकर बाहर से लौटने की बात बताकर उससे मेल जोल बढा लेते और इसके बाद नशीला पदार्थ खिलाकर उसे अपना शिकार बना लेते। कोसी क्षेत्र में वर्ष 2017 तक नशाखुरानी गिरोह की सक्रियता बनी रही है। हाल के वर्षों में नशाखुरानी गिरोह की सक्रियता इस इलाका में काफी कम हुई है।
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सहरसा रेल खंड में नशाखुरानी गिरोह की सक्रियता नहीं है। इसके बाद भी यात्रियों को समय-समय पर नशाखुरानी गिरोह से बचने के लिए जागरूक किया जाता है कि वे किसी अनजान व्यक्ति से मेल जोल न बढाएं। खाने-पीने की चीजें न लें।
रविद्र कुमार सिंह, रेल थानाध्यक्ष