सहरसा। बिहार सरकार ने निश्चय टू के तहत राज्य में दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी की योजना के तहत कोसी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर डेयरी सोसाइटी का गठन किया जाएगा।
काफेड के आंकड़ों के अनुसार, कोसी प्रमंडल के तीनों जिले में बड़े पैमाने पर दूध का उत्पादन हो रहा है। सुनियोजित तरीके से दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सहरसा और मधेपुरा जिले में दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा। सुपौल में समिति पूर्व से ही कार्यरत है। तीनों जिले की सहकारी समितियों कॉफ्रेड से जोड़कर दुग्ध उत्पादकों को लाभांवित किए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। इन समितियों से प्रतिदिन 32 किलो दूध की खरीद की जाएगी -------------
प्रमंडल में हर वर्ष 868 हजार टन दूध का हो रहा है उत्पादन -----
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कोसी क्षेत्र दुग्ध उत्पादन के मामले में अनवरत आगे बढ़ रहा है। सुपौल जिले में सहकारी समितियों के गठन के कारण इन जिले में मधेपुरा और सुपौल से अधिक दुग्ध उत्पादन हो रहा है। वर्तमान में सहरसा जिला में 225.01 हजार टन, मधेपुरा जिले में 238.89 हजार मीट्रिक टन और सुपौल जिले में 404.86 हजार मैट्रिक टन दुग्ध उत्पादन हो रहा है। -----
कोसी में मजबूत होगा डेयरी विकास योजना --------------
इस क्षेत्र में अबतक दुग्ध कापरेटिव सोसाइटी संचालित नहीं है। डेयरी सोसाइटी के गठन से जहां दुग्ध संग्रह व वितरण के जरिए पशुपालकों की आमदनी बढ़ेगी। वहीं पशुपालन विभाग द्वारा चलाए जा रहे डेयरी विकास योजना को भी इससे बल मिलेगा। इस क्षेत्र में डेयरी विकास योजना से जीविका समूहों को जोड़ने की रणनीति बन रही है। डेयरी योजना की रफ्तार बढ़ने से वर्मी खाद और बायोगैस प्लांट निर्माण में तेजी आएगी। ------------------
सहकारी समिति का गठन होने से दुग्ध उत्पादकों को काफी फायदा होगा। सुनियोजित तरीके से डेयरी प्रोजेक्ट को भी चलाया जा सकेगा। सरकार के निर्देशानुसार इस दिशा में शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। सैयद मशरूख आलम
डीसीओ, सहरसा।
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