सहरसा। लंबी अवधि के बाद कोसी क्षेत्र में शहतूत का उत्पादन शुरू हो गया है। चालू वित्तीय वर्ष में कोसी मलवरी विकास योजना के तहत जिले के छह प्रखंडों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से जीविका दीदियों द्वारा इसकी खेती प्रारंभ की गई है। इसके लिए संबंधित किसानों को विभाग द्वारा मुफ्त पौधा व खाद के अलावा तकनीकी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। कुकुन की बिक्री की जिम्मेवारी जीविका की उद्यमिता विकास समूह को दी गई है। ताकि किसान को इसके लिए भागदौड़ नहीं करना पड़े। शहतूत का पौधरोपण जिले के कई प्रखंडों में प्रारंभ हो चुका है। इन प्रखंडों की सफलता के आधार पर अन्य प्रखंडों में इसकी खेती की जाएगी।
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प्रखंडवार मलवरी पौधारोपण का लक्ष्य
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प्रखंड - चयनित किसान- पौधरोपण का लक्ष्य
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कहरा- 125 - 302500
पतरघट- 250- 605000
सत्तरकटैया- 100- 242000
सिमरीबख्तियारपुर- 35- 84700
सोनवर्षा- 200- 484000
सौरबाजार- 200- 484000
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अंतरवर्ती खेती से महिलाओं को मिलेगा दोहरा लाभ
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चूंकि मलवरी के पौधा काफी दूर- दूर पर लगाई जाती है। इसलिए इस योजना के तहत मलवरी की खेती के साथ ही कृषक को उसी खेत में प्याज, टमाटर, मूली, गोभी, पालक, धनियां आदि की भी खेती का भी गुर सिखाया जाएगा। इससे इनलोगो की आमदनी बढ़ेगी। मलवरी उत्पादन से उनका आर्थिक उन्नयन होगा।
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मलवरी की खेती कोसी क्षेत्र की महिलाओं को आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करेगी। इससे जिले की गरीब महिलाएं सशक्त और समृद्ध होगी। इलाके की गरीबी मिटेगी। इसके लिए किसानों को पौधा, खाद व अन्य सुविधाओं के साथ तकनीकी सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी।
राजेश कुमार सिंह
डीडीसी, सहरसा।
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