जलस्तर में कमी के बाद भी निचले क्षेत्रों में फैला है पानी

सहरसा। कोसी नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है। बावजूद इसके निचले इलाकों में बाढ़ के पानी से लोगों को राहत नहीं मिली है। पानी फैल जाने से लोग अब भयवश वहां से पलायन कर रहे हैं। किसान अपने घरों में रखे मक्का को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में लगे हुए हैं जबकि बाढ़ राहत व नाव परिचालन के मामले में अंचल प्रशासन अब भी दिलचस्पी नहीं दिखला रहा है।

बघवा पंचायत के अधिकांश वार्ड अब भी बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है। झाड़ा, बेलडावर, झखरा, सौरवा, सिसौना सहित ऐना पंचायत के कुछ वार्ड अब भी प्रभावित है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या शुद्ध पेयजल की हो गयी है। इसके अतिरिक्त खाने और बीमार लोगों की दवा के लिए लोग परेशान हैं। झाड़ा से किसी बीमार या गर्भवती महिला के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा इलाज की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अंचल प्रशासन द्वारा आपातकाल के लिए ही सरकारी नाव रखे गये हैं, लेकिन परिचालन नहीं हो रहा है।

इस संबंध में झारा के निवासी विपीन पासवान, वार्ड सदस्य हरेराम ठाकुर ने बताया कि झाड़ा के प्रभावित लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। बलान नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी होने की जानकारी देते हुए ग्रामीणों का कहना है कि बलान नदी के पानी से मनोवर पंचायत के सिदीकपुर, मोहम्दपुर ,रैटी मुसहरी के अतिरिक्त बाढ़ का पानी अब पिपरपांती ,जलई पुनर्वास ,खोराबरतर जैसे नये गांव को घेर चुकी है। घोंघेपुर के बालुबाड़ी ,भंथी ,शंकरथुआ ,घोंघेपुर सहित अन्य गांव भी बलान नदी का पानी पहुंच गया है। सीओ देवनंदन सिंह ने बताया कि स्थिति फिलहाल सामान्य है। जरूरत पड़ने पर नाव का परिचालन कराया जाएगा।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप

अन्य समाचार