कोरोनाकाल में भी पेंशन से वंचित है सात हजार लाभुक

सहरसा। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण गरीबों की प्राणरक्षा के लिए मुफ्त खाद्यान्न दे रही है। जरूरतमंदों के लिए सामुदायिक किचेन चलाया जा रहा है, वहीं जिले के सात हजार से अधिक गरीब नि: सहाय लोगों का सामाजिक सुरक्षा पेंशन वर्षों से बंद पड़ा हुआ है। इन लाभुकों को राज्य योजना से जुलाई 2018 तक पेंशन प्राप्त होता है। समायोजन में बरती जा रही लापरवाही के कारण इन गरीबों को तीन वर्ष से पेंशन बंद है जिससे इनलोगों के समक्ष कोरोनाकाल में विकट स्थिति बनी हुई है। इन लाभुकों को कोरोनाकाल में भी दवा व अन्य आवश्यक चीजों की समस्या हो रही है। गत वर्ष कोरोना संक्रमण के समय ही इस कार्य को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया था, जो अबतक नहीं हो सका है।


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अबतक महज दो हजार लाभुकों का किया गया समायोजन
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जिले में राज्य नि:शक्तता पेंशन, लक्ष्मीबाई पेंशन और सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त करनेवाले लाभुकों की संख्या लगभग साढ़े नौ हजार है। इनलोगों को खाते के माध्यम से जुलाई 2018 तक पेंशन का भुगतान होता रहा। राज्य पेंशन योजना बद करने के साथ सरकार ने लाभुकों की अहर्ता के मुताबिक राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, नि:शक्तता पेंशन आदि में समायोजित करने का निर्देश दिया गया। सरकार के निर्देशानुसार जिलाधिकारी स्तर से भी बारंबार लाभुकों का सत्यापन कर अहर्ता रखने वाले लाभुकों को संबंधित योजना में समाहित करने का निर्देश दिया गया, परंतु प्रखंड विकास पदाधिकारियों की लापरवाही और पंचायत सचिवों की मनमानी के कारण यह कार्य अबतक पूरा नहीं हो पाया। लगभग महज दो हजार सौ लाभुकों का किसी-न-किसी योजना में समायोजन हुआ। शेष अबतक भटक रहे हैं। इसमें दर्जनों की मौत भी हो गई।
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क्या कहते हैं लाभुक
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सहरसा नगर के सरस्वती नगर वार्ड नंबर दो की मनकिया देवी कहती है कि उन्हें 2018 तक नियमित पेंशन मिल रहा था। बाद में कहा गया कि दूसरे योजना से पेंशन मिलेगा जो अबतक नहीं हो पाया।
साहपुर के रामसकल यादव का कहना है कि उन्हें चार सौ रुपये मिलता था, उससे उनकी दवा की जरूरत पूरा हो जाती थी, अब इसके लिए दूसरे पर निर्भर हो गए हैं। पेंशन के लिए दौड़कर थक गए, कोई सुननेवाला नहीं है। सहुरिया के जामुन महतो कहते हैं कि सरकार एकतरफ राज्य के सभी बुजुर्गों को पेंशन देने की घोषणा कर चुकी है, वहीं वर्षो पेंशन प्राप्त करने के बाद मेरा पेंशन रोक दिया गया। इसके लिए काफी दौड़भाग किए, परंतु कोई फायदा नहीं हुआ है। गत वर्ष ही कोरोना के समय कहा गया था कि जल्दी हो जाएगा, परंतु अबतक पेंशन प्रारंभ नहीं हो पाया।
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कोट
राज्य पेंशन के लाभुकों को अर्हता के अनुसार राष्ट्रीय योजना में समाहित किए जाने का निर्देश विभाग से प्राप्त है। इसके लिए डीएम स्तर से भी सभी बीडीओ को निदेशित किया गया। उम्मीद है कि जल्द ही समायोजन का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। समायोजन उपरांत इन लाभुकों को पेंशन प्राप्त होने लगेगा।
कुमार सत्यकाम,
सहायक निदेशक,
सामाजिक सुरक्षा, सहरसा
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