विभागीय उदासीनता के कारण गेहूं खरीदारी की गति सुस्त

सहरसा। जिले में गेहूं खरीदारी की गति बेहद सुस्त है। फलस्वरूप जरूरत पूरा करने के लिए किसान कम कीमत पर गेहूं बिचौलिया के हाथ बेच रहे हैं। इन किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल पा रहा है। विभाग ने इसवर्ष महज 16800 एमटी का मामूली लक्ष्य रखा गया, परंतु जिले की समितियां पूरी तरह मनमानी पर है। समितियों की उदासीनता के कारण यह लक्ष्य पूरा होना भी कठिन लगता है।

प्रथम चरण में तो विभाग द्वारा ही जनवितरण चलाने वाली समितियों को गेहूं खरीद की इजाजत नहीं दी गई। बाद में जिले के 151 पैक्सों और दस व्यापार मंडल में 142 को क्रय का आदेश तो दिया गया, परंतु आश्चर्य की बात यह है कि जिलाधिकारी और सहकारिता विभाग के निर्देश की अनदेखी कर 26 समितियों ने अबतक क्रय केंद्र तक चालू नहीं किया। अन्य समितियों की खरीद की रफ्तार भी काफी सुस्त है। ऐसे में जरूरत के मारे किसान कम कीमत पर बिचौलिया के हाथ गेहूं बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं। अब लघु-सीमांत किसानों के पास गेहूं नहीं के बराबर बचा है।

-----
अबतक 4137 एमटी गेहूं की ही हो सकी खरीद
-----
गेहूं खरीद का महत्वपूर्ण डेढ़ महीना समय बीत गया, परंतु अबतक 16800 मामूली लक्ष्य के विरूद्ध मात्र 4137 एमटी की ही खरीद हो सकी है। अबतक चयनित 26 समितियों ने कार्य भी प्रारंभ नहीं किया है। जिले मे 744.35 एमटी खरीद दैनिक लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 114.45 एमटी उपलब्धि है। ऐसे में जिले के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से वंचित हो रहे हैं। अबतक चयनित समितियों में बनमा इटहरी के एक महिषी के दो, नवहट्टा के सात, पतरघट के तीन, सलखुआ के एक, सत्तरकटैया के एक, सौरबाजार के चार, सिमरीबख्तियारपुर के दो तथा सोनवर्षा के पांच समितियों ने कार्य भी प्रारंभ नहीं किया है।
------
क्या कहते हैं किसान
---
कहरा प्रखंड के बिशनपुर के किसान सिकंदर साह का कहना है कि उनलोगों का गेहूं न तो पैक्स खरीद रहा है और न ही व्यापार मंडल ऐसे में वे लोग बाजार में व्यापारी द्वारा निर्धारित कीमत पर गेहूं बेचने के लिए विवश हो रहे हैं। साहपुर के मोहन यादव कहते हैं कि अगर पैक्स गेहूं खरीदेगा ही नहीं तो किसान कितना इंतजार करेगा। धर्मपुर के के शोभित मंडल का कहना है कि सरकार सिर्फ नीतियां बनाती है, इसका अनुपालन नहीं हो पाता। किसान एक फसल को बेचकर अपनी पेट भरता है और दूसरी खेती की भी तैयारी करता है। पैक्सों व व्यापार मंडल के चक्कर में छोटे और मझोले किसान कितना इंतजार करेंगे। इसलिए हमलोग बिचौलिया के हाथ औने-पौने दाम में गेहूं बेचने के लिए लाचार होते हैं।
----
कोट
गेहूं खरीदारी में तेजी आ रही है। अबतक कार्य प्रारंभ नहीं करनेवाले चयनित समितियों पर कार्रवाई की जाएगी। कहीं से किसानों द्वारा गेहूं नहीं खरीदने की शिकायत आने पर कड़ी कार्रवाई होगी।
सैयद मशरूख आलम,
डीसीओ, सहरसा।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप

अन्य समाचार