चेक या ड्राफ्ट से खर्च करने वाले मुखिया पर होगा केस



मधेपुरा। पंचायतों में चल रही कल्याणकारी योजनाओं को भ्रष्टाचार मुक्त करने के उद्देश्य से पंचायती राज विभाग ने योजनाओं के खर्च की सभी राशि का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से करने का निर्देश दिया गया था। निर्देश के बावजूद जिस पंचायत में 15वें वित्त आयोग की राशि से संचालित योजनाओं का खर्च चेक या ड्राफ्ट से किया गया है। उस पंचायत के मुखिया और पंचायत सचिव पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
प्रखंड विकास पदाधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि पंचायती राज विभाग द्वारा 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराई गई राशि के व्यय की समीक्षा के दौरान कई ग्राम पंचायतों द्वारा राशि का लेनदेन चेक या ड्राफ्ट के माध्यम से किए जाने का मामला सामने आया है जो कि पंचायती राज मंत्रालय के दिशा निर्देशों के प्रतिकूल है। इसको लेकर पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा द्वारा जिला पंचायत राज पदाधिकारी को पत्र भेज कर इस अनदेखी और लापरवाही को लेकर ग्राम पंचायतों के बैक पासबुक की अद्यतन प्रति प्राप्त कर जांच करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि एक अप्रैल के बाद चेक या ड्राफ्ट से कहां-कहां भुगतान किया गया है। वैसे मुखिया और पंचायत सचिव पर एफआइआर दर्ज कराते हुए नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा है।

मालूम हो कि पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार से प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में वित्तीय वर्ष 2020-21 से 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत ग्राम पंचायतों को प्राप्त अनुदान की राशि का लेनदेन पीएफएमएस के माध्यम से किया जाना है। इसके लिए सभी पंचायत के मुखिया का डोंगल तैयार किया गया और उन्हें पासवर्ड आवंटित किया गया था।

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