शहर में 24 घंटे होती है पैंथरों की गश्ती

सहरसा। शहर में आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पैंथर जवानों की तैनाती की गई है। शहर में 19 पैंथर जवानों की ड्यूटी रहती है। इन पैंथर जवानों को छह ग्रुप में बांटा गया है। एक ग्रुप में तीन-तीन पैंथर जवान रहते हैं। बाइक सवार पैंथर जवान शहर के 40 वार्डों में भ्रमण करते रहते हैं। वहीं इन पैंथर जवानों को ही शहर में सक्रिय आपराधिक गिरोह सहित अवैध शराब कारोबारियों पर भी नजर रखनी पड़ती है। इनका काम हर हमेशा जोखिम भरा होता है। शहर में 24 घंटे पैंथर जवानों की डयूटी रहती है। आठ-आठ घंटे के अंतराल पर पैंथर जवानों की टीम शहर की निगरानी में लगी रहती है तो शहरवासी चैन की नींद सोते हैं। पैंथर जवान शस्त्रों से लैश रहते हैं, लेकिन मंगलवार की रात घटित घटना इतनी तेजी में हुआ कि जवानों को संभलने का भी अवसर नहीं मिला। बाइक सवार को रोकना पैंथर जवान को महंगा पड़ गया। रात के अंधेरे में बाइक सवार बदमाश पैंथर जवान पर हमला एकाएक कर भाग गया। शहर के कुछ हिस्सों में युवाओं की टोली कोरेक्स सहित गांजा और शराब सेवन के लिए एकत्रित होती है। स्थानीय स्तर पर लोग इस कारण चुप रहते हैं कि इन बदमाशों से पुलिस निपटेगी। लेकिन वह यह भूल जाते हैं कि उनकी चुप्पी से ही ऐसे अपराधी- बदमाशों का मनोबल बढ़ता है। अगर हर मुहल्ला में लोग ऐसे लोगों को चिन्हित कर पुलिस को सहयोग करें तो भटक रहे युवाओं को सही राह मिलेगी।


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