सहरसा। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान खरीदारी के बदले सीएमआर जमा करने की रफ्तार काफी धीमी है। चावल जमा किए जाने का महत्वपूर्ण समय बीत जाने के बाद भी धान खरीदने वाली समितियों और मिलरों की मनमानी चरम पर है। अबतक धान खरीद के समतुल्य 1560 लॉट चावल की जगह मात्र 1151 लॉट ही जमा हो सका है। जबकि कोरोना संक्रमण के कारण जिलाधिकारी ने मई महीने तक ही शत- प्रतिशत सीएमआर जमा कराने का आदेश दिया है। डीएम द्वारा भी इसके लिए बारंबार निदेशित किया जा रहा है, बावजूद इसके जिले में चावल जमा की गति काफी धीमी है। समितियां चावल जमा करने के प्रति पूरी तरह उदासीन बनी हुई है।
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एसएफसी की लापरवाही के कारण समितियों को मिलता है बहाना
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सहकारिता विभाग द्वारा सभी पंचायतों में सीएमआर जमा करने के लिए गोदाम बनाने का निर्णय लिया गया है। कुछ पंचायतों में गोदाम का निर्माण चल भी रहा है। अभी इसे पूरा होने में देर में है। फलस्वरूप जिले में सीएमआर जमा करने में बेहद कठिनाई होती है। चालू खरीफ विपणन मौसम में धान खरीद के पूर्व ही सीएमआर के लिए समर्पित गोदाम का प्रबंध किए जाने की रणनीति बनी थी, परंतु इस ओर बिहार राज्य खाद्य निगम द्वारा ध्यान नहीं दिया गया। फलस्वरूप सीएमआर जमा करने की समस्या बनी हुई है। प्रथम चरण में गोदाम का प्रबंध नहीं रहने की समस्या का फायदा उठाकर बाद में समितियों द्वारा चावल जमा करने में आनाकानी की जाती है। जो बाद में प्रशासन के लिए सिरदर्द बन जाता है। इन समितियों से सीएमआर की वसूली में प्रशासन को नाको चो चबाना होगा।
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21 हजार 200 एमटी चावल किया जाना है जमा
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खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान खरीद के समतुल्य चार लाख 21 हजार 200 एमटी अर्थात 1560 लॉट सीएमआर (धान के बदले चावल) जमा किया जाना है। शुरूआती दौर से ही भंडारण के लिए गोदाम की कमी महसूस की जाने लगी थी। जबकि डीएम ने पहली टास्कफोर्स की बैठक में ही सीएमआर के लिए समर्पित गोदाम की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था। ऐसा नहीं हो पाने के कारण चावल लगातार जमा नहीं हो पा रहा है। सीएमआर जमा का महत्वपूर्ण समय बीत जाने के बाद भी मात्र 1151 लॉट ही चावल जमा हो सका है। अब समितियां भी कोई- न- कोई बहाना ढूंढने लगी है।
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अब समितियों को गोदाम के नाम पर इंतजार करना नहीं पड़ रहा है। सीएमआर जमा करने का आग्रह करने पर समितियों का सीएमआर तुरंत जमा लिया जा रहा है। उम्मीद है कि माह के अंत कर सारा सीएमआर जमा हो जाएगा।
अरूण कुमार सिंह
एसएफसी प्रबंधक, सहरसा।
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