सहरसा। नवनिर्माण मंच के संस्थापक पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भेजकर सहरसा जिले में कोरोना की स्थिति की जानकारी देकर काबू पाने के लिए कई सुझाव भी दिए हैं। पत्र में कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर अपने भयानक है। कोसी का इलाका स्वास्थ्य के मामले में देश मे अंतिम पायदान पर है। सबसे बड़ी चिता अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवाई की किल्लत, आसमान छूती कीमत और कालाबजारी है। आयुष्मान कार्ड योजना धोखा है, कोई अस्पताल नहीं मान रहा है। ऑक्सीजन,रेमिडीसीवीर तथा अन्य दवाई के तीन-चार गुना कीमत चुकाने को मजबूर है । जिला की हालत अति गंभीर है। कोरोना को जांच कराने 70 फीसद व्यक्ति रेपिड एंटीजन किट से होता है पॉजिटिव होने पर इलाज भी शुरू हो जाता है, लेकिन आरटीपीसीआर सैंपल को मधेपुरा तथा बुद्धा मेडिकल कॉलेज जांच को भेजा जाता है। उसका जांच रिपोर्ट आने में देर होता है। तब तक मरीज का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है।
पूर्व विधायक ने कहा कि जिला में निजी अस्पताल में आईसीयू बेड की संख्या लगभग एक सौ है जो भरा है ,लंबा वेटिग है। लोग परेशान हैं। ऑक्सीजन का कीमत कोरोना के पहले 375 रुपया था जो बढ़कर 700 रुपया हो गया। टीकाकरण किया जा रहा है उसका गति बहुत धीमा है । उन्होंने आरटीपीसीआर जांच प्रयोगशाला सहरसा में अविलंब स्थापित करने, ग्रामीण क्षेत्र में नए जांच केंद्र खोलने, पर्याप्त जांच किट खरीद तथा प्रशिक्षित कर्मचारी को नियुक्त करने की मांग की । उन्होंने महत्वपूर्ण जीवन रक्षक दवाईयो का दर तय करने, सदर अस्पताल में कम से कम 500 बैड तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 50 बैड का आईसीयू अस्पताल बनाया जाए । शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में आंगनबाड़ी सेविका एवं आशा कार्यकर्ता को ऑक्सीमीटर किट देने का अनुरोध किया है।
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