होम आइसोलेशन के मरीज नहीं करें रेमडेसिविर का इस्तेमाल



सहरसा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना के माइल्ड एवं बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की सलाह दी है। जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि माइल्ड या बिना लक्षण (असिम्टोमेटिक) वाले रोगी ही होम आइसोलेशन के लिए योग्य हैं। माइल्ड लक्षण वाले रोगियों को बुखार, कफ, खांसी, नाक बहना या बंद होना, सिरदर्द, थकान आदि रहता है. ऐसे मरीज रेमडेसिविर सूई का इस्तेमाल नहीं करें।
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चिकित्सक से करें संपर्क
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गाइडलाइन में कहा गया है कि चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा कोरोना संक्रमित मरीज में माइल्ड अथवा बिना लक्षणों की पुष्टि किये जाने के बाद होम आइसोलेशन में रहकर चिकित्सक से संपर्क में रहें। मरीज जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है तथा हाइपरटेंशन, मधुमेह तथा लंग, लीवर, किडनी तथा तंत्रिका तंत्र से जुड़े गंभीर रोग से ग्रसित है उन्हें चिकित्सा पदाधिकारी के निर्देश व सलाह के बाद ही होम आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए।

------ इन परिस्थितियों में चिकित्सकीय सलाह जरुरी
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• सांस लेने में तकलीफ होने पर
• ऑक्सीजन का स्तर 94 से कम होने पर
• छाती में लगातार दर्द का बने रहना या अचानक बढ़ जाना
• मानसिक रूप से अधिक परेशान होने पर
----- 10 दिन बाद आ सकते हैं आइसोलेशन से बाहर
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होम आइसोलेशन में रहने वाले रोगी 10 दिनों के बाद बाहर आ सकते हैं। होम आइसोलेशन से बाहर आने के बाद जांच की कोई आवश्यकता नहीं होती है। होम आइसोलेशन के दौरान रोगी अधिक से अधिक आराम करें और खूब पानी पीकर शरीर में पानी की मात्रा को बढ़ायें। श्वसन संबंधी सुरक्षा तथा व्यवहार के नियमों का पालन करें. साबुन पानी से हाथों को नियमित रूप से 40 सेकेंड तक अवश्य धोंयें. व्यक्तिगत इस्तेमाल वाली चीजें साझा नहीं करें. रोगी के कमरे को एक प्रति हाइपोक्लोराइट से टेबल, दरवाजे, आदि साफ करें. कोविड के माइल्ड लक्षण वाले रोगी अपने शरीर के ऑक्सीजन स्तर की निगरानी करते रहें।
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