सहरसा। शाम चार बजते ही शहर की दुकानें का शटर गिरना शुरू हो जाता है। हालांकि इससे पूर्व बाजार से लोगों की संख्या घटने लगती है। बाजार में चार बजे के बाद शहर की सड़कें सूनी दिखने लगती है जिससे शाम से ही शहर में कर्फ्यू जैसी स्थिति दिखने लगती है। शाम चार बजे तक जिले के विभिन्न प्रखंडों सहित मुख्य बाजारों में दुकानें पूरी तरह से बंद हो जाती है। शहर के मुख्य बाजार शंकर चौक, बंगाली बाजार, डीबी रोड, थाना चौक, गंगजला चौक, महावीर चौक, बनगांव रोड सहित अन्य मुख्य बाजार बंद होने से मुख्य बाजार की रौनक गायब हो जाती है। सबसे ज्यादा दिक्कत तो सहरसा बस स्टैंड पर होती है। रात में सात बजे के बाद ही पटना और सिलीगुड़ी के लिए बसें खुलती है। ऐसे में यात्रियों को बोतल बंद पानी सहित अन्य सामान मिलना मुश्किल हो जाता है। बाजार में कई दुकानें शिफ्टवार खुलती है। यानि हर दुकान सप्ताह में तीन दिन ही खुलता है। दवा की दुकानें ही हर दिन खुली रहती है। सब्जी दुकानों के लिए भी समय निर्धारित कर दिया गया है। जिससे भीड़ पर नियंत्रण रखी जा सकें।
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जिलाधिकारी व एसपी करते हैं शहर का निरीक्षण
शाम चार बजे दुकानें बंद होने के बाद शाम छह बजे से शहर में कर्फ्यू लग जाता है। जिलाधिकारी कौशल कुमार एवं पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह नियमित रूप् से बाजार का निरीक्षण करते रहते है। इतना ही नहीं अन्य अधिकारियों को भी इसके लिए मुस्तैद करते है कि शाम छह बजे के बाद शहर की सड़कों पर बेवजह लोग नहीं दिखे। ट्रेनों व बसों से आनेवाले लोगों को भी अपने-अपने घरों में ही सुरक्षित रहने की अपील की है। जिससे कोरोना वायरस के चैन को तोड़ा जा सकें। शहर के अन्य हिस्सों में भी पुलिस गश्त तेज रहती है।
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