अनाधिकृत रूप से कोरोना की जांच नहीं करे निजी क्लीनिक

सहरसा। कोरोना संक्रमण के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि के मद्देनजर सरकार के दिशा-निर्देश के संदर्भ में जिलाधिकारी कौशल कुमार ने मंगलवार को विकास भवन सभागार में आईएमए एवं निजी अस्पतालों/क्लिनिक के संचालकों के साथ बैठक की। जिलाधिकारी कौशल कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण की विषम परिस्थिति है तथा सरकार के गाइड लाइन से अवगत कराने के उद्देश्य से यह बैठक बुलाई गयी है। वर्तमान स्थिति की जानकारी देते हुए डीएम ने कहा कि जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति क्रिटिकल है तथा इस परिस्थिति को आप बेहतर समझते हैं। संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और अधिकतर मामले ए.सिमटोमेटिक है। विगत 09 मार्च 2021 से अबतक 57799 सैम्पल की जांच की गई है। सोमवार को 227 पॉजिटिव की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इस प्रकार कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1719 जिसमें से 411 पॉजिटिव रिकवर कर गये है। 13 पॉजिटिव मरीजों को बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है। वर्तमान समय में कुल 1293 सक्रिय पॉजिटिव मामले जिला में हैं। सक्रिय मरीजों को होम आइसोलेशन में मेडिकल किट देकर उनका इलाज चल रहा है। डीएम ने कहा कि विलंब से जांच होने पर गोल्डेन पीरियड नहीं मिल पाता है जिसके कारण मरीज की स्थिति गंभीर हो सकती है।

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जिलाधिकारी ने बताया कि कोविड की जांच तीन तरह से की जा रही है- आरटीसीपीसीआर, एंटीजेन, एवं टु्रनेट के द्वारा, जिसके लिए सभी सरकारी अस्पताल तथा जिले के दो निजी अस्पताल अधिकृत हैं। कहा कि विगत दिनों यह प्रकाश में आया कि कुछ निजी क्लीनिक में अनाधिकृत रूप में कोरोना संक्रमण की जांच की जा रही है। जो पूर्णत: गलत है, एवं महामारी अधिनियम के विरूद्ध है, निजी क्लीनिक इससे बचें। कोई भी मृत्यु आवश्यक नहीं है कि वह कोरोना संक्रमण से हीं हुआ हो, अन्य कारण से भी हो सकते हैं। निजी अस्पतालों द्वारा अपने स्तर से कोरोना संक्रमण से मृत्यु से संभावना व्यक्त करने पर आमजन में गलत संदेश जाएगा और इसका गलत प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह आपदा का समय है। सभी निजी क्लीनिक संचालकों से व्यक्तिगत अनुरोध रहेगा कि यदि मरीज का कोविड जांच आवश्यक प्रतीत होता है तो उसके सैंपल की जांच अधिकृत अस्पतालों में भेजकर करा लें, ताकि पॉजिटिव की स्थिति में मरीज का समुचित इलाज समय पर किया जा सकेगा। यदि कोई मृत्यु होती है तो इसकी सूचना तत्काल सिविल सर्जन कार्यालय, सहरसा को दें। कोरोना से मृत्यु की पुष्टि के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग हीं अधिकृत है। जिलाधिकारी ने सरकार के नए निर्देशों से अवगत कराते हुए कहा कि कोरोना जांच एवं इलाज हेतु निजी अस्पताल/क्लिनिक अनुमति के लिए सिविल सर्जन कार्यालय, सहरसा में आवेदन कर सकते हैं। यदि वे मानकों को पूरा करते हैं तो उन्हें अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में जहां वेन्टिलेटर, आइसीयू, ऑक्सीजन एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध है वे कोरोना संक्रमण के विरूद्ध जंग में अपनी सहभागिता दें। सहरसा जिला में भी अच्छे डॉक्टर एवं निजी क्लीनिक हैं। जिलाधिकारी ने कोरोना संक्रमण महामारी के नियंत्रण के लिए सबसे सुझाव भी मांगा। ऑक्सीजन की उपलब्धता के विषय में आश्वस्त किया गया कि जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में सभी प्रक्रिया को पूरी कर ऑक्सीजन की ससमय उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी। निजी अस्पतालों/क्लीनिक में बेड की संख्या बढ़ाने के संदर्भ में सिविल सर्जन कार्यालय को आवेदन देने का निर्देश दिया गया। बैठक में उप विकास आयुक्त, प्रभारी सिविल सर्जन, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सहित आईएमए, निजी अस्पतालों एवं क्लीनिक के संचालकगण उपस्थित रहे।
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