मधेपुरा। पिछले कोरोनाकाल के पश्चात रोजी-रोटी की आस लेकर विभिन्न प्रदेशों में रोजगार के लिए गये प्रखंड क्षेत्र के मजदूर फिर से अपने वापस आने को मजबूर हैं। कोरोना के आक्रामक रूप अख्तियार करने और दूसरी लहर के दौरान बढ़ते संक्रमण के बीच फिर से कई प्रदेशों और महानगरों में पुरानी स्थिति उत्पन्न होने से यह स्थिति आ गई है। मालूम हो कि कोराना संक्रमण के दौरान जब पहली बार लॉकडाउन लगाया गया था तो विभिन्न प्रदेशों के शहरों में काम करनेवाले अधिकांश मजदूर पैदल व जैसे-तैसे अपने घरों की ओर चल पड़े थे। इधर एक बार फिर कोरोना के बढ़ते संक्रमण के आंकड़े ने मजदूरों को काफी परेशान कर दिया है। लिहाजा प्रखंड क्षेत्र के मजदूर परिवार सहित ट्रेन की वजाय एक से बढ़कर एक लग्जरी बसों से मनमाना किराया देकर अपने घर वापस लौटने लगे हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली आदि के विभिन्न शहरों में काम करनेवाले मजदूर उसी राज्य के बसों से अपने घर लौटने लगे हैं। मजदूरों को डर है कि पिछले वर्ष की तरह ही बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच अचानक लॉकडाउन लग जाए और बोर्डर सील हो जाए तो वे वहीं फंस जाएंगे। साथ ही महीनों काम नहीं मिलने से वे सभी एक बार फिर से भूखे मरने को मजबूर हो जाएंगे। गौरतलब हो कि वर्तमान में देश के विभिन्न राज्यों व शहरों में कोरोना महामारी का दूसरा दौर चरम पर है। इस महामारी से निजात दिलाने के लिए सरकारी स्तर से तरह-तरह के उपाय भी किए जा रहे हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण की आशंका को देखते हुए जहां आमलोग काफी भयभीत होने लगे हैं। वहीं उक्त आशंका पर रोक लगाने के लिए सरकारी स्तर से आमलोगों की परेशानी दूर करने के लिए कई तरह के हथकंडे भी अपनाए जा रहे हैं।
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