मधेपुरा। छह से 12 तक की कक्षा सफलतापूर्वक संचालन के बाद शिक्षा विभाग अब जिले के सभी कस्तूरबा विद्यालय को खोलने जा रहा है। विभाग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। अभी तक सरकार द्वारा इस बाबत कोई पत्र विभाग को नहीं मिला है। विभाग के आला अधिकारी के अनुसार 25 या 26 फरवरी को विभाग की बैठक में इसपर अंतिम मुहर लग सकती है। सर्व शिक्षा अभियान ने इसके लिए रविवार को जिले के सभी कस्तूरबा विद्यालय के संचालकों की बैठक आयोजित की। बैठक को संबोधित करते हुए एसएसए के डीपीओ गिरीश कुमार ने कहा कि पिछले वर्ष 14 मार्च से सभी शिक्षण संस्थान कोविड के कारण बंद है। अब इसे फिर से खोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में सरकार किसी तरह की चूक बर्दास्त करने के मूड में नहीं है। उन्होंने कहा कि हमलोग पूर्व से तैयारी शुरू कर दें। विगत कई माह से विद्यालय बंद रहने के कारण बड़ी चुनौती संसाधन को दुरूस्त करना है। उन्होंने कहा कि कई केंद्र को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था। इसके लिए सभी केंद्रों की मूलभूत सुविधा का फिर से आकलन करना होगा। इसमें सफाई, पानी, बिछावन, रहने व खाने के स्थान की फिर से जांच करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र खुलने के बाद छात्रा को सिगल बेड पर सुलाना है। वहीं नियमित रूप से केंद्र में सैनिटाइज की व्यवस्था होनी चाहिए। वहीं हमलोग केंद्र खोलने से पहले समीप के पीएचसी केंद्र पर समन्वय स्थापित कर लें ताकि किसी छात्रा की बीमार होने व अस्वस्थ होने की स्थिति में तुरंत इलाज किया जा सके। 13 केंद्रों में 1160 छात्राएं हैं नामांकित डीपीओ ने कहा कि पूरे जिले के 13 कस्तूरबा विद्यालय में 1300 छात्राओं के नामांकन का पद रिक्त है। इसके एवज में 1160 नामांकित है। ऐसे सभी छात्रा को इसकी पूर्व सुचना पहुंचा देनी है ताकि छात्रा व अभिभावक इसकी तैयारी कर सके। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कस्तूरबा विद्यालय महिला सशक्तिकरण को बड़ा केंद्र बनने वाला है। सभी केंद्रों पर स्किल डवलपमेंट का कार्यक्रम शुरू होगा। हमलोग इसके लिए छात्रों पर विशेष रूप से फोकस करें। बैठक में कस्तूरबा के संभाग प्रभारी अखिलेश कुमार झा के अलावा सभी केंद्र के प्रभारी मौजूद थे।
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