मधेपुरा। यातायात सुरक्षा नियमों की अनदेखी से सड़क दुर्घटना में रोजाना मौत हो रही है। बावजूद परिवहन विभाग दुर्घटना को लेकर सतर्कता व निवारण के उपायों के प्रति उदासीन बना बैठा है। चकाचक सड़कों पर जहां तेज रफ्तार दुर्घटना का कारण बन रही है, वहीं जर्जर सड़कों पर वाहन पलटने से यात्रियों व वाहन चालकों की मौत हो रही है। तेज रफ्तार, संकेतक का अभाव, अस्पष्ट निर्देश, कुहासा आदि सड़क दुर्घटना को लगातार आमंत्रण दे रहा है। सड़क दुर्घटना में मौत के आंकड़े पर अगर गौर किया जाए तो यह किसी महामारी व आपदा में मरने वालों की संख्या से कहीं अधिक है।
तीन दिनों में 1171 स्वास्थ्य कर्मियों को दिया गया कोरोना का टीका यह भी पढ़ें
सड़क निर्माण में नियमों की हो रही अनदेखी
सड़क निर्माण में नियमों की अनदेखी जानलेवा साबित हो रही है। अधिकांश सड़कों पर लंबे समय तक गिट्टी बिछाकर छोड़ देना, आधा-अधूरा निर्माण, मानक के अनुसार मैटेरियल का प्रयोग न करना नियमों की अनदेखी में शुमार है। ट्रैफिक संचालन में सड़कों पर रेडियम लाइट व व्हाइट लाइन का काफी महत्व है। इससे कोहरे में भी सड़कें साफ दिखती है। ऐसी व्यवस्था नहीं रहने के कारण वाहन चालकों को काफी मुश्किल होती है। इसके अलावा डिवाइडर पर भी रेडियम लगाने का नियम है। ताकि रात में भी डिवाइडर एवं सड़क साफ-साफ दिख सके।
ट्रैफिक नियमों का नहीं होता है अनुपालन
परिवहन विभाग की लचर व्यवस्था की वजह से कहीं भी ट्रैफिक नियमों का जरा भी अनुपालन नहीं हो रहा है। दोपहिया वाहन चालक जहां बिना हेलमेट के ट्रैफिक नियम को धता बता रहे हैं। वहीं अधिकांश वाहन बिना फिटनेस टेस्ट के धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ रही है। इतना ही नहीं मोबाइल पर बातचीत करते हुए गाड़ी चलाना, वाहन के गेट को गलत दिशा में खोलना जहां आजकल दुर्घटना के मुख्य कारणों में से एक बनता जा रहा है। वहीं तीन पहिया, चार पहिया वाहन व बस ओवरलोडिग की वजह से दुर्घटनाग्रस्त होकर यात्रियों की जान ले रहा है। ऐसे मामले में वाहन मालिक अक्सर जुर्माना देकर फिर से वाहन चलाने पर आमदा है। जबकि प्रतिबंध रहने के बावजूद जुगाड़ गाड़ी धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ रही है।
वाहनों में क्षमता से अधिक यात्रियों के अलावा वाहनों के छतों पर यात्रियों को बिठाने पर रोक के दिशा में परिवहन विभाग उदासीन बना है। चालकों के निर्धारित बस पड़ाव की बजाय वाहन को सड़क पर खड़ा रखने व गति सीमा के उल्लंघन पर अंकुश लगाने में विभाग फिसड्डी साबित हो रहा है। नियमों की अनदेखी कर वाहनों का परिचालन करने वालों की जांच की कार्रवाई नाममात्र की जाती है। व्यावसायिक वाहनों में फॉग लाइट, हेड लाइट, ब्रेक लाइट, पार्किंग लाइट, कलर रिफलेक्टर टेप सहित अन्य मापदंडों के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गति धीमी रहने से बीमार वाहनों का सड़कों पर खुलेआम परिचालन देखा जा रहा है। राजस्व लक्ष्य की पूर्ति के लिए विभाग चितित वाहन परिचालन में चूक के अलावा यातायात नियमों की अनदेखी आए दिन हो रहे सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण माना जा रहा है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के प्रयास को कारगर बनाने के दिशा में परिवहन विभाग की तैयारी सिर्फ फाइलों तक सिमट कर रह गई है। परिवहन विभाग सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की बजाय राजस्व के लक्ष्य की पूर्ति करने में हमेशा चितित दिखाई दे रही है।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप