सहरसा। जिले में बड़ी संख्या में अवैध रूप से ट्रैक्टर ट्रेलर का परिचालन हो रहा है। इससे सरकार को लाखों के राजस्व की हानि हो रही है। इसके रोकथाम के लिए विभाग द्वारा कोई ठोस पहल नहीं दिख रही है।
जानकारी के अनुसार जिले में ट्रैक्टरों की संख्या करीब आठ हजार है। लेकिन इसमें से व्यवसायिक उपयोग के लिए 7774 ट्रैक्टर निबंधित हैं, जबकि कृषि कार्य के लिए 508 ट्रैक्टर निबंधित हैं। हैरत इस बात की है कि निबंधित ट्रेलरों की संख्या यहां मात्र 2936 ही है।
परिवहन विभाग द्वारा कृषि कार्य एवं व्यवसायिक कार्य हेतु अलग-अलग ट्रैक्टरों का निबंधन किया जाता है। लेकिन, सरकार की आंखों में धूल झोंककर बगैर निबंधन के ही ट्रेलर का व्यवसायिक उपयोग हो रहा है। सवाल उठता है कि बिना ट्रेलर के ट्रैक्टर का क्या उपयोग होता है।
------------------ कृषि कार्य हेतु सिर्फ ट्रैक्टर की रहती उपयोगिता
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में खेतीबारी के लिए सिर्फ ट्रैक्टर की ही उपयोगिता रहती है। खेती में ट्रेलर का अमूमन उपयोग नहीं होता है। ट्रेलर का उपयोग सामान ढोने में ही काम आता है। अनाज ढोने में ट्रेलर का उपयोग किया जाता है।
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टैक्स चोरी के लिए नहीं कराते हैं ट्रेलर निबंधन
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विभागीय नियमानुसार टै्रक्र के साथ-साथ ट्रेलर का भी निबंधन कराया जाना चाहिए। ट्रैक्टर के निबंधन में फिलहाल 36 हजार रुपये लगते हैं। जबकि ट्रेलर के निबंधन में 12 हजार रुपये लगते हैं। अमूमन लोग ट्रैक्टर का निबंधन कराते हैं लेकिन ट्रेलर का निबंधन नहीं कराते हैं। कृषि कार्य में ट्रैक्टर का उपयोग होता है लेकिन व्यवसायिक ट्रैक्टर का उपयोग बिना ट्रेलर के नहीं हो सकता है।
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परिवहन विभाग द्वारा निबंधित है ट्रैक्टर
1. एग्रीकल्चर ट्रैक्टर -508
2. एग्रीकल्चर ट्रेलर - 22 3. कॉमर्शियल ट्रैक्टर - 7744
4. कॉमर्शियल ट्रेलर - 2936 ----------------------------------
जिले में बगैर निबंधन के ही चल रहे वाहनों की धड़ पकड़ के लिए परिवहन विभाग द्वारा नियमित रूप से चेकिग अभियान चलाया जाता है। पकड़ाए जाने पर टैक्स सहित जुर्माना की राशि वसूल की जाती है। दिलीप कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, सहरसा।
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