- प्रशासनिक लापरवाही के कारण बढ़ता जा रहा है भूमि विवाद
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संस, सहरसा: सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा एक ओर अभियान बसेरा चलाकर गरीबों को बासगीत पर्चा दिया जा है, वहीं वर्षों पूर्व जमीन का पर्चा प्राप्त 542 पर्चाधारी दखल के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के यहां गुहार लगाकर थक गए हैं। जमींदारों से मिलीभगत के कारण अंचल स्तर से अधिकारी व कर्मी पर्चाधारियों को इस कार्य में सहयोग नहीं कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के कारण भूमि विवाद को लेकर अनवरत तनाव भी बढ़ता जा रहा है।
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न्यायिक विवाद के नाम पर टल रहा है दखलदेहानी
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प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार जिले के 64965 लोगों को जोत हेतु पर्चा की जमीन दी गई थी। इसमें हालांकि बहुत से लोग जमीन पर दखल नहीं प्राप्त कर सके, परंतु जिले के विभिन्न अंचलों के 1430 लोगों ने दखल दिलाने के लिए अधिकारियों को आवेदन दिया है। जिला प्रशासन द्वारा इसमें मात्र 888 लोगों को दखल दिलाया जा सका है। इसमें भी कई जगहों पर विवाद जारी है। वहीं 542 को अबतक पर्चा में मिली जमीन पर कब्जा नहीं हो सका है।
इस मामले में सरकार के स्पष्ट गाइडलाइन के बावजूद अंचल से जिलास्तर से अधिकारी न्यायिक विवाद के नाम पर मामलों को टाल रहे हैं। महिषी प्रखंड के कंदाहा के पर्चाधारी लक्ष्मण राम, महावीर सादा, पारो देवी सुलिदाबाद के टुनटुन पासवान आदि ने कहा कि वे लोग पर्चा की जमीन पर दखल पाने के लिए अंचल से जिला तक दौर तक थक गए हैं। उनकी समस्या को कोई सुननेवाला नहीं है। कहीं- कहीं जमींदार की मिलीभगत से अंचल कार्यालय द्वारा पर्चा की जमीन का भी दोबारा रसीद काट दिया गया।
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अंचलवार दखलदेहानी की स्थिति
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अंचल - कुल पर्चाधारी- आवेदक - दखल से वंचित
कहरा- 2047- 125- 45
सत्तर कटैया- 1741- 166- 123
नवहट्टा- 3335- 410- 357
महिषी- 2194- 50- 32
सौरबाजार- 2603- 139- 49
पतरघट- 3640- 84- 35
सोनवर्षा- 3992- 103- 101
सिमरीबख्तियारपुर- 4314- 33- 11
सलखुआ- 2291- 166- 51
बनमा इटहरी- 1023- 154- 83
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कोट
जिन पर्चाधारियों द्वारा बेदखली संबंधी आवेदन दिया गया है। उन्हें दखल दिलाने की कार्रवाई की गई है। कुछ मामला न्यायालय में लंबित है। न्यायादेश के आलोक में दखल दिलाने की कार्रवाई की जाएगी।
विनय कुमार मंडल
अपर समाहर्ता, सहरसा।
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