संस, सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) : सिमरी बख्तियारपुर से सरडीहा जमुनिया होते हुए बलवाहाट-बरियाही जाने वाली सड़क को सिमरी अनुमंडल का लाइफलाइन कहा जाता है। इस सड़क में भौरा गांव के समीप बना लोहे का जर्जर पुल पिछले 15 सालों से उद्वारक की बाट जोह रहा है। इस पुल को विभाग द्वारा रिटायर्ड घोषित किए पांच से अधिक बीत गया है। विभाग द्वारा इस पुल पर भारी वाहनों के आवाजाही पर रोक लगाने के लिए दोनों तरफ से लोहे का बैरियर लगा एवं पीलर लगाया गया था। परंतु आवागमन के लिए सरकार एवं विभाग के द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण भारी वाहन चालकों ने रात के अंधेरे में पीलर और बैरियर को तीन वर्ष पूर्व उखाड़ कर फेंक दिया। यह पुल कब क्षतिग्रस्त हो कर गिर जाएगा कहना मुश्किल है। स्थानीय ग्रामीण छत्री कुमार,पूर्व पंचायत समिति सदस्य सुरेन्द्र यादव,राहुल कुमार सिंह,डीसी इंटर कालेज के प्राचार्य जिया लाल यादव,सर्वेश कुमार गुप्ता आदि कहते हैं कि सडक निर्माण से भी कई वर्ष पूर्व ही पुल का निर्माण हुआ था। ग्रामीणों का कहना है इस पुल के जर्जर हो जाने एवं भौरा पुल से बलवा हाट जाने वाली सड़क के जर्जर एवं सड़क पर बने जानलेवा गड्ढा से पैदल एवं वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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भारी वाहन के गुजरते ही कांपने लगता है भौरा पुल
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भौरा पुल पर से भारी वाहनों के गुजरने से कमजोर एवं रिटायर्ड पुल मे कंपन्न होने लगता है। इस पुल की चौड़ाई कम है। इससे अप एवं डाउन में भारी वाहन तो दुू तीन पहिया वाहन भी एक साथ पुल पर से नहीं गुजर सकती है। यहां जाम व दुर्घटना आम बात है। इसका फायदा असामाजिक तत्व उठाते हैं जो पुल के आसपास शाम ढलते ही जमा हो जाते हैं और अवसर देख कर राहजनी की घटना को अंजाम देते हैं।
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