मातृ-शिशु मृत्यु की पहचान व निवारण के लिए एमडीएसआर की टीम गठित

सहरसा। सुमन कार्यक्रम के अंतर्गत मातृ एवं शिशु मृत्यु की पहचान, कारण व निवारण के लिए एमडीएसआर टीम का गठन किया गया है। गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दिलाने व मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए सरकार सुमन कार्यक्रम का संचालन कर रही है । दरअसल प्रसव के दौरान महिलाओं को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान यदि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं तो उनकी जान भी जा सकती है।

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मातृ एवं शिशु मृत्यु की पहचान, कारण और निवारण के उद्देश्य से किया गया है गठन

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सिविल सर्जन डॉ. अवधेश कुमार ने कहा कि सुमन कार्यक्रम के अंतर्गत मातृ एवं शिशु मृत्यु की पहचान, कारण और निवारण के लिए एमडीएसआर टीम का गठन किया गया है। मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए आवश्यक है मातृ मृत्यु के कारणों का पता कराना। जब तक कारणों का पता नहीं चल जाता यह कहना कठिन हो जाता है कि किस प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जाये। इसके लिए आवश्यक है यह पहचान करना कि महिला मृत्यु, मातृ मृत्यु के अंतर्गत है या नहीं, यानि महिला मृत्यु की पहचान करना। यदि मातृ मृत्यु की पहचान हो जाये तो दूसरी सबसे बड़ी बात है कि उन कारणों का पता लगाना कि किन कारणों से मातृ मृत्यु हुई तभी तो स्वास्थ्य सेवाओं को और विकसित और बेहतर किया जा सकेगा। ताकि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न होने पाये। इस प्रकार मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सुमन कार्यक्रम संचालित किया गया है। गर्भवती महिलाओं को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाऐं-
डा. अवधेश कुमार ने कहा कि सुमन काय‌र्क्रम संचालन से जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रसव एवं प्रसवोत्तर कार्यो का मजबूतीकरण किया जाना है। वहीं बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना है। जिससे महिलाओं की परेशानियां तो दूर होंगी ही, साथ ही मातृ मृत्यु दर में कमी आयेगी। संस्थागत प्रसव को मिलेगा बढ़ावा-
सिविल सर्जन डा. अवधेश कुमार ने कहा कि जिले में संचालित सुमन कार्यक्रम अंतर्गत महिलाओं को प्रसव कालीन बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा तो मिलेगा ही साथ ही इससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी लाने के उपायों पर बल दिया जायेगा। इस काय‌र्क्रम का उद्देश्य ही महिलाओं को प्रसव के दौरान बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराना है ताकि महिलाओं को प्रसव के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा अनेकों योजनाएं चलायी जा रही हैं परन्तु जागरूकता की कमी के कारण कुछ लोग इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। वहीं सुमन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं एवं नवजातों को छ: माह तक निशुल्क गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है।
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