सहरसा। अगर मतदाता अपने विधानसभा क्षेत्र के सभी प्रत्याशी को नापसंद करते हैं, तो निर्वाचन आयोग ने उसके लिए ईवीएम में नोटा दबाने की सुविधा प्रदान की है। सात नवंबर को तीसरे चरण में संपन्न हुए जिले के चारों विधानसभा क्षेत्र से 11423 मतदाताओं ने इस नोटा का प्रयोग किया। 75 सहरसा विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 5307 मतदाताओं ने अपने विधानसभा क्षेत्र के किसी भी प्रत्याशी को पसंद नहीं किया। इसमें सेवा मतदाता के रूप में तीन सरकारी कर्मी भी शामिल हैं। 74 सोनवर्षा विधानसभा क्षेत्र में 1701 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया, जिसमें एक सेवा मतदाता भी शामिल हैं। 76 सिमरी बिख्तयारपुर विधानसभा क्षेत्र से 1407 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया जिसमें पोस्टल बैलेट वाले एक सेवा मतदाता भी शामिल हैं। 77 महिषी विधानसभा क्षेत्र से 3008 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया, जिसमें तीन सेवा मतदाता भी शामिल हैं।
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सेवा मतदाताओं ने वर्तमान सत्ता के विरूद्ध किया मतदान
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जिले में संपन्न विधानसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि चारों विधानसभा क्षेत्र से सेवा मतदाता अर्थात सरकारी कर्मियों का अधिकांश मत वर्तमान हुकूमत के खिलाफ पड़ा। एनडीए प्रत्याशियों की तुलना में हर विधानसभा क्षेत्र में उनके निकटतम महागठबंधन के प्रत्याशी को सेवा मतदाताओं ने अधिक पसंद किया। 74 सोनवर्षा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित रत्नेश सादा को जहां 148 मत मिला, वहीं निकटतम प्रतिद्वंद्वी तारणी ऋषिदेव को सेवा मतदाताओं का 414 मत प्राप्त हुआ। 75 सहरसा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित आलोक रंजन को सेवा मतदाताओं का 339 मत प्राप्त हुआ, जबकि निकटतम प्रतिद्वंद्वी लवली आनंद को 837 मत मिला। 76 सिमरीबख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित राजद के युसुफ सल्लाहउद्दीन को 483 मत प्राप्त मिला, जबकि पराजित एनडीए के प्रत्याशी मुकेश सहनी को 194 मत प्राप्त हुआ। 77 महिषी विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित एनडीए के गुंजेश्वर साह को जहां सेवा मतदाताओं का 191 मत मिला, वहीं निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद के गौतम कृष्ण को 533 मत प्राप्त हुआ। सेवा मतदाताओं के रूझान ने स्पष्ट है कि कारण चाहे जो भी हों सरकारी कर्मियों ने वर्तमान सत्ता को पूरी तरह नकार दिया है।
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