लखीसराय। हलसी प्रखंड के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय गेरुआ पुरसंडा की स्थापना नौ साल बीत जाने के बाद भी भवन के लिए जमीन नहीं मिली है। सरकार ने मध्य विद्यालय गेरुआ पुरसंडा को उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय का दर्जा 2011 में दी थी। इसके बाद से इसके विकास में एक कदम भी आगे काम नहीं हुआ है। विद्यालय को न तो अपना भवन मिला है और न ही शिक्षक। मध्य विद्यालय के भवन में ही कम योग्यता वाले शिक्षक बच्चों का भविष्य संवार रहे हैं। बताया जा रहा है कि भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण भवन निर्माण के लिए आवंटित राशि वापस लौट गई। प्रधानाध्यापक दीपनारायण चौरसिया के अनुसार विद्यालय के उत्क्रमण के बाद वर्ग नवम से दशम तक कि पढ़ाई के लिए वर्ष 2014 में विज्ञान शिक्षक मीनू सिन्हा, सामाजिक विज्ञान के लिए उपेन्द्र कुमार दास की नियुक्ति की गई। इसके अलावे शेष विषयों की पढ़ाई प्रारंभिक विद्यालय के शिक्षक ही करा रहे हैं। वर्ष 2020 में वर्ग नवम में 52 एवं दशम में 48 छात्र-छात्राओं का नामांकन हो चुका है। बावजूद विद्यालय मूलभूत सुविधा से वंचित है।
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