लखीसराय । कोविड काल में शांतिपूर्ण मतदान कराने के बाद प्रशासन का फोकस अब मतगणना के साथ दिवाली और छठ की तैयारियों पर भी है। दशहरा से पहले पर्व को लेकर आई गाइडलाइन के अनुसार ही दिवाली को भी निपटाने की योजना है। इसके लिए प्रशासन ने शीर्ष स्तर पर मंथन शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रशासन ऐसी व्यवस्था करना चाह रहा है, जिसमें भीड़ भी नहीं हो और पर्व का कारोबार भी प्रभावित नहीं हो। हालांकि, दशहरा में पंडाल और मूर्तियों की स्थापना नहीं होने से मेला में ठेला-खोमचा लगाने वालों को बहुत नुकसान उठाना पड़ा। दिवाली में भी पटाखा और खिलौने आदि की दुकानें सज जाती हैं। अस्थाई पटाखा दुकान लगाने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है। 14 नवंबर को दिवाली है, लेकिन अभी लाइसेंस को लेकर कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। हालांकि, अधिकारियों का मानना है कि पटाखा की दुकानों का संचालन एक-दो दिन ही होता है, इसलिए इसमें कोई बहुत परेशानी नहीं है। मुख्य रूप से यह सुनिश्चित करना है कि दिवाली के बाजार में एक जगह भीड़ नहीं हो। बीडीओ मनोज कुमार ने बताया कि पर्व को लेकर रणनीति बनाई जा रही है, जल्द एक प्रभावी नीति के साथ पटाखा के लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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