सहरसा। तीसरे चरण में होनेवाले चुनाव में पहलीबार जहां 509 मतदान केंद्र को मिश्रित केंद्र का रूप दिया गया है, वहीं 56 केंद्रों को सिर्फ महिला मतदान कर्मियों के भरोसे छोड़ा गया है। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में महिला मतदानकर्मियों के कांधे पर मतदान कराने की जिम्मेवारी एक तरह से जिला प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती है। कर्मियों की कमी के कारण 16 सौ महिला मतदान कर्मियों को चुनाव टीम में शामिल किया गया है। महिला मतदानकर्मियों के माध्यम से बेहतर तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए इनलोगों को दक्ष किया जा रहा है, ताकि मतदान के दौरान कोई चूक न हो। जिला निर्वाचन पदाधिकारी महिला मतदानकर्मियों के प्रशिक्षण कार्य का स्वयं जायजा ले रहे हैं।
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सिर्फ महिला मतदानकर्मियों के भरोसे होगा 56 मतदान केंद्र
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जिले के चारों विधानसभा क्षेत्र में चुनाव संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने पूर्व से निर्धारित 1304 मतदान केंद्रों को कोविड- 19 के कारण बढ़ाकर 1865 कर दिया है। 798 भवनों में स्थापित इन मतदान केंद्रों में 16 चलंत मतदान केंद्र हैं, जबकि 590 मिश्रित मतदान केंद्र हैं। मिश्रित मतदान केंद्रों पर दो पुरूष के साथ दो- दो महिला कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जा रही है। 56 मतदान केंद्र पूरी तरह महिला मतदानकर्मियों के भरोसे रहेगा, जहां एक भी पुरुष कर्मियों की नियुक्ति नहीं की गई है। इससे सबसे ज्यादा सहरसा विधानसभा क्षेत्र में 50 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, जबकि 74 सोनवर्षा, 76 सिमरी और 77 महिषी विधानसभा क्षेत्र में दो- दो महिला मतदान केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। ऐसे में सहरसा विधानसभा क्षेत्र व खासकर जिला मुख्यालय का चुनाव महिला मतदानकर्मियों के भरोसे रहेगा।
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