लखीसराय । फिल्म अभिनेता मनोज बाजपेयी के गाए एक भोजपुरी गाना आजकल खूब धूम मचा रखा है जो मुंबई की चकाचौंध की हकीकत को बयां करता है। बिहार में भी विधानसभा चुनाव की चर्चा गांव से लेकर शहर तक हो रही है। वाकया लखीसराय जिले के चर्चित विधानसभा सूर्यगढ़ा की है जहां विकास की बात कम लेकिन अक्सर जातीय समीकरण पर वोट डाले जाते हैं। फिलहाल विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं का मिजाज सातवें आसमान पर है और होना लाजमी भी है क्योंकि बिहार सरकार बनाने में मतदाताओं की अहम भूमिका होगी। मननपुर गांधी चौक पर बुधवार को जागरण संवाददाता ने खड़े दो-चार युवाओं से पूछा कि इस बार वोट किसे देंगे। विकास करने वाले उम्मीदवार को या अपने जाति के प्रत्याशी को। विकास के नाम पर सभी युवा हंसने लगे और कहा कि सूर्यगढ़ा विधानसभा में का बा..। यहां जंगल बा, बेरोजगारी, किऊल नदी में बालू बा.., जर्जर सड़क बा और का बा.. यहां प्रधानमंत्री आवास में कमीशन बा, सात निश्चय में लूट मचल बा, मनरेगा में अपना विकास बा, और का बा.. उनकी बात समझ में आ गई कि विकास के नाम पर लोगों को अबतक ठगा गया है। युवाओं ने कहा कि चानन को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली विभिन्न सड़क अब भी जर्जर है। यहां न तो आज तक अस्पताल बना और न उच्च शिक्षा का साधन है। चानन का मननपुर बाजार कीचड़ और अतिक्रमण से कराह रहा है। कोई देखने वाला नहीं। उक्त सारे मुद्दे चुनाव से मानो गायब हैं। फिर भी मतदाताओं को लुभाने के लिए विकास की कहानी हर दल और नेताओं के द्वारा गढी जाती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
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