सहरसा। गांवों में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र तो खोल दिए गए हैं। लेकिन इनका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। उप स्वास्थ्य केंद्र भवन व प्रांगण आज भी मवेशियों का बसेरा बना हुआ है। कार्यरत एएनएम दवाई लेकर झोला में आते हैं और शाम ढ़लते ही चले जाते हैं। वही सौर बाजार प्रखंड क्षेत्र के चंदौर पश्चिमी पंचायत स्थित वार्ड नंबर पांच महेशपुर गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र लगातार बंद होने से केंद्र का भवन खंडहर बन रहा है। पंचायत वासियों को प्राथमिक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के नाम पर एक एक एएनएम की तैनाती की गई है। ग्रामीण पिटू कुमार समेत अन्य लोगों ने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्रों पर महीने में एक दो बार बच्चों के टीकाकरण के दौरान ही एएनएम दर्शन हो पाता है। अन्य दिनों केंद्र में ताले बंद रहते हैं। सहुरिया पश्चिमी पंचायत स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र धमसैना गांव में पिछले कई वर्षों से मवेशी का बथान बना हुआ है। तीरी पंचायत के लक्ष्मीनियां गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन वर्षों से खंडहर में तब्दील हो चुका है। कई उप स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रभार में एक ही एएनएम कई वर्षों से पदस्थापित है। सीएचसी प्रभारी प्रिय रंजन भाष्कर ने बताया कि पंचायतों में खोले गए उप स्वास्थ्य केंद्रों पर नियमित टीकाकरण कुछ आवश्यक दवाएं वितरण व प्राथमिक उपचार की व्यवस्था को लेकर एएनएम को ड्यूटी पर लगाई गई हैं। उप स्वास्थ्य केंद्र पर मवेशी बांधने की सूचना नहीं मिली है सूचना मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
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