बक्सर : जिले में निगरानी की यह पहली धमक नहीं है। इससे पहले भी यहां के विभिन्न विभागों में निगरानी की धमक पड़ चुकी है और विभिन्न विभागों के अधिकारी भ्रष्टाचार की बलि चढ़ चुके हैं। बताया जाता है कि पिछले पांच वर्षों में जिले के करीब एक दर्जन अधिकारी विजिलेंस के हाथों रंगेहाथ गिरफ्तार हुए हैं। यह बात है और है कि उसके बाद भी विभिन्न सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की गंगा थमने का नाम नहीं ले रही है।
इससे पहले शिक्षा विभाग के चर्चित जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समेत कृषि विभाग के दो जिला कृषि पदाधिकारी रंगे हाथों घूस लेते निगरानी के हत्थे चढ़ चुके हैं। ये अधिकारी भी ऐसे ही निगरानी के हत्थे नहीं चढे थे बल्कि इन लोगों ने अपने-अपने विभाग में काफी गुल खिलाया था। इसी तरह नावानगर की तत्कालीन सीडीपीओ, पुलिस विभाग के एक थानेदार, ब्रह्मपुर में मनरेगा के एक कर्मचारी तथा डुमरांव के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी भी निगरानी के हत्थे चढ़ चुके हैं। और तो और आईसीडीएस विभाग के एक प्रभारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं जिला कल्याण पदाधिकारी को निगरानी विभाग ने जाल बिछाकर गिरफ्तार किया है। कहने का लब्बोलुआब यह कि यह जिला आकार में भले ही छोटा है लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में यह बड़े-बडों को मात देने वाला है। तभी तो विकास के मामले में पीछे रहने वाला यह जिला भ्रष्टाचार में आगे निकल रहा है।
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Posted By: Jagran
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