लखीसराय । भगवान शंकर को अपने पति के रूप में बार-बार प्राप्त करने की इच्छा की पूर्ति के लिए पार्वती द्वारा पहली बार की गई हरितालिका व्रत (तीज) शुक्रवार को जिले भर में सुहागिन महिलाओं ने की। इस मौके पर महिलाओं ने समूह में और खुद अपने घरों में गौरी और शंकर की प्रतिमा बनाकर पूजा की और कथा सुनी। इस दिन महिलाओं ने निर्जला उपवास रखा। ऐसी मान्यता है कि व्रत करने वाली महिलाएं तीज के अवसर पर अन्न जल बिना ग्रहण किए पूरी रात जाग कर समय व्यतीत करती है। इसलिए महिलाओं ने समूह में धार्मिक गीत गा-गाकर पूरी रात भगवान शंकर और माता गौरी का स्मरण किया। पार्वती द्वारा पति के रूप में शंकर को प्राप्त करने एवं उनकी तरह चिरायु होने की कामना को लेकर ही महिलाएं यह व्रत करती आ रही है। इससे एक दिन पूर्व गुरुवार को महिलाओं ने पवित्र नदियों में स्नान कर मिट्टी से गौरी एवं शंकर की प्रतिमा का निर्माण खुद से किया। शुक्रवार को उस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कर पूजा की। जिला मुख्यालय स्थित विभिन्न शिवालयों में भी महिलाओं ने जाकर पूजा आराधना की और कथा सुनी। शनिवार को महिलाएं अपना उपवास तोड़ेगी।
Posted By: Jagran
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