लखीसराय । बिहार में कोरोना ने प्रचंड रूप ले लिया है। संक्रमण का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। ये अलग बात है कि मृत्यु दर कम है। बावजूद सरकार अनलॉक-3 के तहत लोगों के लिए ढेर सारे प्रतिबंध लगाए हुए है। इसके पीछे का एकमात्र मकसद कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकना है। ऐसे में विधान सभा कराया जाना उचित नहीं होगा। बिहार प्रदेश युवा जनता दल यूनाइटेड के पूर्व उपाध्यक्ष एवं जिला बीस सूत्री के पूर्व सदस्य अधिवक्ता सुबीन कुमार वर्मा ने ये बातें कही है। उन्होंने एक बयान जारी करके कहा कि बिहार में चल रही चुनावी गतिविधि काफी खतरनाक साबित हो सकती है। बिहार वासियों के लिए सिर्फ सत्ता और कुर्सी के लिए ऐसे समय में चुनाव कराया जाना कितना घातक होगा यह राजनीतिक दलों को पता नहीं है। कोरोना वायरस बिहार के 12 करोड़ लोगों को अपनी चपेट में लेने के लिए आतुर है। वहीं बिहार सरकार और चुनाव आयोग एक निश्चित समय पर चुनाव कराने के लिए भी परेशान है। जबकि बिहार की स्थिति काफी नाजुक है। व्यवसायियों की दुकान बंद है। गरीबों की हालत खराब है। आम लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त है। दलीय नेता वर्चुअल मीटिग करके कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर रहे हैं लेकिन उन्हें अहसास नहीं है कि फील्ड में कार्यकर्ताओं को कितनी परेशानी हो रही है। ऐसे में तत्काल बिहार में चुनाव कराने के बारे में अपनी सेच को सरकार एवं आयोग को त्यागना चाहिए।
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Posted By: Jagran
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