बक्सर : जिले में विकास की बात तब बेमानी लगती है। जब किसी गांव के संपर्क पथ का पक्कीकरण आजादी के 74 साल बाद भी नहीं किया जा सका हो। बात राजपुर प्रखंड के रसेन पंचायत अन्तर्गत बिशनपुरा गांव की है। जहां के वाशिदे आज भी अपनी जरूरत की पूर्ति हेतु कई किलोमीटर पैदल यात्रा कर प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचते हैं।
ग्रामीणों की मानें तो सबसे विकट समस्या तब आती है, जब कोई गांव में गंभीर बीमारी से ग्रसित हो। इस दौरान चारपाई पर लिटा कर अथवा पिट्ठू के सहारे चिकित्सक तक पहुंचना ही एक मात्र विकल्प है। जहरीले जीव-जंतु का भी खतरा बना रहता है। हालांकि, लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर एक पक्की सड़क मिल जाने के बाद किसी के सहयोग से यह काम कुछ आसान हो जाता है। गांव के अजय कुमार चौबे, चन्दन तिवारी आदि बताते हैं कि सबसे बड़ी मुसीबत बरसात के दिनों में होती है। यह भी बात नहीं कि, जनप्रतिनिधि भी इस बात से अनजान हो। बल्कि, इसके लिए कई बार गुहार भी लगाई गई। यहां तक कि छोटे-छोटे गांवों की सड़कों का भी जीर्णोद्धार प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत पक्कीकरण कर पूरा कर दिया गया है। लेकिन, इस सड़क के प्रति प्रशासन अथवा जनप्रतिनिधियों की उदासीनता लोगों की समझ से परे बने हुए हैं। जबकि, विशनपुरा पुल से कथराई पुल तक तकरीबन तीन किलोमीटर इस पथ का पक्कीकरण किए जाने से श्यामपुर, मोहरियां, बलीपुर, खेमपुर समेत लगभग आधा दर्जन गांव लाभान्वित होंगे।
Posted By: Jagran
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