गर्भनिरोधक गोलियां लड़कियों को पहुंचा सकती हैं गहरा नुकसान

आजकल लड़कियां गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन बहुत ज्यादा करती है। इसका सेवन सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि किशोरियों की एक बड़ी संख्या भी कर रही है। लेकिन इनका लम्बे समय तक इस्तेमाल नुक्सान पंहुचा सकता है अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कई तरह के विकल्प मौजूद हैं। इन तरीकों को अपनाने से पहले डॉक्टरों से सलाह लेना समझदारी भरा कदम माना जाता है। वैसे अनचाहे गर्भ से बचने के लिए सबसे आसान तरीके के रूप में गर्भनिरोधक गोलियां ही प्रचलित हैं।

गर्भनिरोधक गोलियां:
ये अनचाहे गर्भधारण करने से तो बचा लेता है लेकिन इससे होने वाले नुकसान भी हैं।गर्भनिरोधक गोलियां लेने वाली किशोरियों में अवसाद से जुड़े लक्षणों का खतरा बढ़ जाता है। गौरतलब है कि सन् 1962 में जबसे ब्रिटेन में ये दवा उपलब्ध हुई है तब से शोधकर्ता ओरल बर्थ कंट्रोल और मूड के बीच संबंध को समझने की कोशिश कर रहे हैं।
सर्वे में खुला राज:
एक अध्ययन में 16 से 25 साल की लड़कियों को शामिल किया गया था। इन किशोरियों पर स्टडी के बाद शोधकर्ताओं ने कहा कि गर्भनिरोधक पिल्स लेने वाली लड़कियों में अन्य की तुलना में अधिक अवसाद से जुड़े लक्षणों का पता चला। शोध की मदद से ये जानकारी भी मिली कि 16 साल की लड़कियों में अवसाद के लक्षण अधिक पाए गए। अवसाद को लेकर किए गए सर्वे में अधिक रोने, सोने, खाने से जुड़ी, आत्महत्या करने, उदासी आदि की समस्या सामने आई।

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