कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकारों ने लॉकडाउन लगाए, कई तरह की गतिविधियों पर रोक लगाई है. हालांकि, इन पाबंदियों के कारण डेंगू की रोकथाम के कोशिश प्रभावित हो रहे हैं.
सिंगापुर व इंडोनेशिया जैसे दक्षिणपूर्वी एशियाई राष्ट्रों को इस वर्ष डेंगू के साथ-साथ कोरोना का भी सामना करना पड़ रहा है.
पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक ब्राजील में जहां कोविड-19 के 16 लाख से अधिक मुद्दे हैं वहीं, डेंगू के 11 लाख मुद्दे हैं. डेंगू के कारण करीब 400 लोगों की मृत्यु हो चुकी है. बरसात का मौसम प्रारम्भ होने के साथ क्यूबा, चिली व कोस्टा रिका जैसे लातिन अमेरिकी राष्ट्रों व हिंदुस्तान तथा पाक जैसे दक्षिण एशियाई राष्ट्रों में डेंगू के भी मुद्दे बढ़ेंगे. डेंगू यों तो जानलेवा नहीं होता है, लेकिन गंभीर मामलों में मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ती है
यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रमुख डाक्टर रिजवान कुंडी ने बताया कि हिंदुस्तान की राजधानी में मच्छर प्रजनन स्थलों को खत्म करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ता लोगों में कोरोना संक्रमण की भी जाँच कर रहे हैं. इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेडक्रॉस एंड रेड क्रीसेंट सोसायटी के अमेरिकी क्षेत्रीय ऑफिस में स्वास्थ्य प्रमुख डाक्टर मारिया फ्रेंका टालारिको ने बोला कि अनेक लातिन अमेरिकी राष्ट्रों में कोरोना के हजारों मामलों का पता चलने का मतलब है कि डेंगू पर निगरानी प्रभावित हुई है.
विशेषज्ञों का बोलना है कि इस तरह के प्रयासों का बाधित होना डेंगू के विरूद्ध वैश्विक लड़ाई के लिए शुभ इशारा नहीं है. इसे रोकने के लिए अब भी एहतियात बरतना ही सर्वश्रेष्ठ कदम है जैसे कि मच्छरों को पनपने से रोकना, कूड़ा-कचरा हटाना व पानी ठहरने नहीं देना. दुनिया स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक डेंगू के मामलों के लिहाज से 2019 सबसे बेकार वर्ष था जब सभी क्षेत्र प्रभावित हुए व कुछ देश तो पहली बार प्रभावित हुए.
घर में रहने पर डेंगू का खतरा ज्यादा- इस सिलसिले में सिंगापुर नेशनल एन्वॉयरमेंट एजेंसी ने बोला कि कोविड-19 के संक्रमण की गति कम करने का एक उपाय घर में ही रहना सुझाया जा रहा है, लेकिन इससे डेंगू फैलने का खतरा भी बढ़ सकता है क्योंकि एडीज एजिप्टी दिन में काटता है व लोगों के अधिक समय तक घरों में रहने से लोगों को मच्छरों के काटने की आसार भी बढ़ जाती है जहां मच्छर अधिक पनपते हैं.