13 जुलाई। कोरोनावायरस से बचाव के लिए वैज्ञानिकों ने सिलिकॉन रबर से एक दोबारा इस्तेमाल किया जा सकने वाला मास्क बनाया है। इसमें एन 95 फिल्टर लगाया गया है जो वायरस को रोकने में पूरी तरह कारगर है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ओपन में प्रकाशित शोध के अनुसार इन मास्कों को ऐसे डिजाइन किया गया है कि इन्हें स्टेरेलाइज कर कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
नया मास्क सिलिकॉन रबर से बना है और इसका उत्पादन इंजेक्शन मोल्ड में किया जाता है। इसमें पारंपरिक मास्कों की तुलना में एन 95 मटीरियल का बहुत कम इस्तेमाल होता है। मैसेचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ता जियोवानी ट्रावरसो ने कहा, हम एक ऐसा मास्क बनाना चाहते थे जिसका बार-बार प्रयोग किया जा सके और जिसे कई तरीकों से स्टेरेलाइज किया जा सके। शोधकर्ताओं ने सिलिकॉन रबर का इस्तेमाल किया क्योंकि यह पदार्थ काफी टिकाऊ होता है। तरल सिलिकॉन रबर को किसी भी आकार में ढाला जा सकता है। यह मास्क मशीन में तेजी से बन सकते हैं।
कई स्टेरेलाइलेशन प्रक्रियाओं का किया प्रयोग-
शोधकर्ताओं ने इन मास्कों पर स्टेरेलाइजेशन की विभिन्न प्रक्रियाओं का प्रयोग किया। इसमें स्टीम के जरिए इन्हें स्टेरेलाइल करना, ओवन का प्रयोग करना और आइसोप्रोपाइल एल्कोहल में डूबना शामिल था। हर प्रक्रिया में मास्क को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा। बर्मिंघम वुमेन अस्पताल के 20 प्रतिभागियों पर इसका परीक्षण किया गया। चेहरे के फिट टेस्ट में मास्क सफल हो चुका है और अब वायरस को रोकने की इसकी क्षमता पर गहन अध्ययन किया जा रहा है।