एक साल के बच्‍चे को खाने में नहीं देनी चाहिए ये चीजें

नई दिल्ली : शिशु के जन्‍म के बाद एक साल तक इस बात का बहुत ध्‍यान रखना पड़ता है कि उसे क्‍या खिलाना है और क्‍या नहीं। इस दौरान बच्‍चे के विकास की दर में वृद्धि होती है इसलिए आपको पता होना चाहिए बच्‍चे को एक साल क्‍या चीजें नहीं खिलानी चाहिए। बच्‍चों का पाचन तंत्र बहुत नाजुक होता है और अगर उन्‍हें कोई फूड सूट ना करे तो इसका सीधा असर उनके शरीर पर पड़ता है। इस वजह से उन्हें फूड एलर्जी का खतरा भी रहता है। तो चलिए जानते हैं कि एक साल तक बच्‍चे को क्‍या चीजें खाने को नहीं देनी चाहिए।

शहद में क्‍लोस्ट्रिडिअम बोटुलिनम नामक बैक्‍टीरिया के अंश होते हैं जो बच्‍चों के इम्‍यून सिस्‍टम को कमजोर कर सकते हैं और कब्‍ज, भूख में कमी या बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन पैदा कर सकते हैं। एक साल से कम उम्र के बच्‍चों में ये समस्‍याएं बहुत आम हैं।रिफाइंड अनाज की तुलना में साबुत अनाज ज्‍यादा पोषक होता है। रिफाइंड अनाज में मैग्‍नीशियम, डायट्री फाइबर, कैल्शियम और विटामिन बी की कमी होती है। साबुत अनाज बायोएक्टिव यौगिकों से भी युक्‍त होते हैं जो पाचन मार्ग को स्‍वस्‍थ रखते हैं।
स्‍टडी के अनुसार, गाय का दूध बच्‍चों की सेहत पर गलत असर डालता है। गाय के दूध में आयरन की मात्रा कम होती है जबकि विकास के लिए शिशु को पर्याप्‍त मात्रा में आयरन चाहिए होता है। इसके अलावा गाय के दूध में मौजूद कैल्शियम और कैसिन डायट्री नॉन-हीमे आयरन के अवशोषण को रोक देता है।अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्‍स ने माता-पिता को यह सलाह दी है कि 6 माह से कम उम्र के बच्‍चों को फलों का रस बिलकुल भी नहीं देना चाहिए। पहले साल में शिशु को फलों के रस से कोई पोषण नहीं मिलता है।चॉकलेट में सॉलिड मिल्‍क होता है जिसकी वजह से शिशु को एलर्जी हो सकती है। जिस भी फूड में दूध हो, वो एक साल से कम उम्र के बच्‍चे को नहीं देना चाहिए।
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि बच्‍चों में नट एलर्जी का सबसे ज्‍यादा खतरा होता है इसलिए साबुत मूंगफली और पीनट बटर या किसी भी तरह से नट बटर बच्‍चे को ना दें। इससे एलर्जी या गंभीर रूप से एक्जिमा होने पर शिशु को बाल रोग चिकित्‍सक को जरूर दिखाएं।सीफूड, खासतौर पर शैलफिश और अन्‍य मछलियों में मर्करी ज्‍यादा होता है इसलिए शिशु को मछली नहीं खिलानी चाहिए।
इसकी जगह साल्‍मन, टिलापिआ, पैकेटबंद लाइट ट्यूना और कैटफिश खिला सकते हैं।बाल चिकित्‍सक अकसर ये सलाह देते हैं कि एक साल से कम उम्र के बच्‍चे को पूरा अंडा नहीं खिलाना चाहिए। अमेरिकन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्‍थमा एंड इम्‍युनोलॉजी के अनुसार 2 प्रतिशत बच्‍चों को अंडे से एलर्जी होती है।मीट को पचाना बच्‍चों के लिए बहुत मुश्किल होता है। इसमें सोडियम और एनीमल फैट की मात्रा बहुत ज्‍यादा होती है जो कि बच्‍चों के लिए सही नहीं है।बैरीज जैसे कि ब्‍लैकबैरी, ब्‍लूबैरी, स्‍ट्रॉबेरी और रसभरी एवं अन्‍य खट्टे और अम्‍लीय फल बच्‍चे में एसिडिटी और पेट खराब करने का कारण बन सकते हैं।

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