दुनियाभर के तमाम वैज्ञानिक कोरोना वायरस का इलाज खोजने में जुटे हैं। कई देश में कुछ दवाओं का ह्यूमन ट्रायल यानी मानव परीक्षण भी जारी है। इस बीच रूस की सेचेनोव यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मनुष्यों पर कोरोना वायरस की वैक्सीन का दुनिया का पहला सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, वर्तमान में कोरोना के कम से कम 21 टीकों पर काम चल रहा है।
इसके साथ रूस कोविड-19 वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल को पूरा करने वाला दुनिया का पहला राष्ट्र बन गया है और परिणाम दवा की प्रभावशीलता साबित करते हैं। इस टीके को गामेली इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने बनाया है।
जी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस खबर की पुष्टि इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशनल मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी के निदेशक वादिम तरासोव ने की है। तारासोव ने कहा, 'सेचेनोव यूनिवर्सिटी ने कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया के पहले टीके का वालंटियर पर सफलतापूर्वक परीक्षण पूरा कर लिया है।
वालंटियर्स को जल्द मिलेगी छुट्टी
उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी ने 18 जून को वैक्सीन का क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया था। वालंटियर के पहले ग्रुप को बुधवार को और दूसरे को 20 जुलाई को छुट्टी दी जाएगी।
रूसी रक्षा मंत्रालय के एक पूर्व बयान में कहा गया है कि गामाले नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा प्राप्त डेटा साबित करता है कि जिन वालंटियर्स को कोरोना का यह टीका लगा है उनमें इम्यून रेस्पोंस बढ़ रहा है यानी उनका शरीर इलाज के लिए बेहतर प्रतिक्रिया दे रहा है।
कोरोना का टीका कब आएगा बाजार में
यह टीका बाजार में कब आएगा इस बारे में अभी किसी ने कुछ खुलासा नहीं किया है। लेकिन सेचनोव यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल पैरासिटोलॉजी, ट्रॉपिकल एंड वेक्टर-बॉर्न डिजीज के निदेशक अलेक्जेंडर लुकाशेव ने कहा, इस वैक्सीन की सुरक्षा, बाजार में उपलब्ध अन्य दवाओं की सुरक्षा के अनुरूप है।
लुकाशेव ने कहा कि आगे की वैक्सीन विकास योजना पर पहले से ही उत्पादन रणनीति निर्धारित की जा रही है, जिसमें वायरस के साथ महामारी विज्ञान की स्थिति और बड़े स्तर पर उत्पादन करने की संभावना शामिल है।
तारासोव ने कहा कि महामारी की स्थिति में सेचेनोव विश्वविद्यालय ने न केवल एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में बल्कि एक वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान केंद्र के रूप में भी काम किया है जो ड्रग्स जैसे महत्वपूर्ण और जटिल उत्पादों के निर्माण में भाग लेने में सक्षम है। हमने इस टीके के साथ काम करना शुरू किया, प्रीक्लिनिकल स्टडीज और प्रोटोकॉल डेवलपमेंट, और क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं।
कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। चीन से निकले इस खतरानक वायरस ने दुनियाभर के 13,035,942 लोगों को संक्रमित कर दिया है और 571,571 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है।
इस महामारी से अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहाँ संक्रमितों की संख्या 3,413,995 हो गई है और मरने वालों का आंकड़ा 137,782 पहुँच गया है। इसके बाद ब्राजील, भारत और फिर रूस सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। रूस में संक्रमितों की संख्या 727,162 हो गई है और 11,335 लोगों के मौत हुई है।