टिप्स-1 लिखें नहीं याद रखें पासवर्ड- आपको नेट बैंकिंग पासवर्ड याद कर लेना चाहिए. इसे किसी को भी न बताएं।न ही इसे कहीं लिखकर रखें। नेट बैंकिंग का इस्तेमाल हमेशा अपने कंप्यूटर पर सिक्योर नेटवर्क से करना चाहिए।
टिप्स-2 पेमेंट से पहले चेक करें वेबसाइट कितनी सेफ- ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय साइट के सुरक्षित होने का संकेत भी देख लें, जैसे- ब्राउजर स्टेटस बार पर लॉक आइकॉन या 'https' यूआरएल, जहां 'एस' उसके सुरक्षित होने की पहचान है. पब्लिक कंप्यूटर या असुरक्षित नेटवर्क से इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करना समझदारी नहीं है. कंप्यूटर की बोर्ड की जगह डिजिटल की बोर्ड का उपयोग करना बेहतर है. इस्तेमाल करने के बाद वेबसाइट से लॉग-आउट करना नहीं भूलें.

टिप्स-3 बैंक में जरूर अपडेट कराएं अपना मोबाइल नंबर- अपने बैंक या क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली संस्था को अपनी पूरी जानकारी देनी चाहिए. मतलब साफ है कि एड्रेस, मोबाइल नंबर जरूर बताना चाहिए. साथ ही, नंबर बदलने पर बैंक को इसकी जानकारी भी तुरंत दें. इससे बैंक या आपके खाते में किसी भी तरह के बदलाव की सूचना आपको आसानी से भेजी जा सकती है. हर हफ्ते कम से कम एक बार बैंक एकाउंट या क्रेडिट कार्ड एकाउंट चेक करने के साथ ट्रांजेक्शन पर नजर रखना जरूरी है. मोबाइल बैंकिंग द्वारा सक्रिय रहें और अपने ट्रांजेक्शन पर नजर रखें.
टिप्स-4 इन ईमेल से रहें दूर- फिशिंग ऐसी ईमेल है जो आपको फंसाने के लिए भेजी जाती है. यह बैंक या किसी शॉपिंग वेबसाइट या बड़े कारोबारी संस्थान से भेजी हुई लगती हैं. इनके माध्यम से आपकी व्यक्तिगत जानकारी मांगने की कोशिश की जाती है. इन लिंक पर क्लिक करते ही नकली वेबसाइट खुल जाती है. जैसे ही आप अपना यूजर आइडी और पासवर्ड दर्ज करते हैं, आपका मोबाइल नंबर, लॉग-इन आइडी, पासवर्ड, डेबिट/क्रेडिट कार्ड संबंधी जानकारी, सीवीवी, जन्म दिन आदि की चोरी की जा सकती है.

टिप्स-5 बैंक कभी नहीं मांगता आपके ये जानकारियां- बैंक के पास आपकी सभी जानकारी मौजूद होती है और वह कभी ई-मेल से या फोन से आपसे CVV या OTP नहीं मांगता. इस तरह की जानकारी अगर कोई मांग रहा है तो वह खतरे का संकेत है. किसी से भी इस तरह की गोपनीय जानकारी शेयर ना करें.
टिप्स-6 मोबाइल फोन में डालें एंटी वायरस- वायरस और सायबर अटैक से बचाव में एंटी वायरस बहुत काम आता है. सस्ते या फ्री एंटी-वायरस के लालच में ना आएं. इसे समय-समय पर अपडेट करते रहें. अगर आपको किसी ऐसे ट्रांजेक्शन का पता चलता है जो आपने नहीं किया है, तो तत्काल अपने बैंक से इस बारे में शिकायत दर्ज कराएं.
टिप्स-7 अगर आप क्रेडिट कार्ड से पेमेंट कर रहे हैं तो ऐसे कार्ड से पेमेंट करें, जिसकी लिमिट कम हो. अगर आप डिजिटल वालेट से पेमेंट कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि उसमें भी पहले से पैसे ना पड़े हों. जब आप शॉपिंग करें, तभी पेमेंट ट्रांसफर करें.

टिप्स-8 भूलकर भी न सेव करें अपनी डिटेल्स- बहुत से लोग शॉपिंग करते वक्त बार-बार कार्ड नंबर एंटर करने की परेशानी से बचने के लिए अपना कार्ड नंबर और एक्सपायरी वगैरह उस साइट पर सेव कर लेते हैं. ऐसा ना करें. अगर आप थोड़ी सी परेशानी से बचने के लिए ऐसा करते हैं तो इससे आपको बड़ी चपत लग सकती है. कार्ड की डीटेल शॉपिंग/ट्रांजेक्शन साइट पर दोबारा डालना परेशानी की वजह हो सकता है, लेकिन यह सुरक्षित भी है.’ किसी भी वेबसाइट, सर्वर, मोबाइल या डेस्कटॉप पर क्रेडिट/डेबिट कार्ड्स की डिटेल सेव न करें.
टिप्स-9 चेक देते वक्त बरतें सावधानी- चेकबुक को हमेशा सुरक्षित जगह रखना चाहिए. चेकबुक में साइन किए हुए चेक नहीं रखें. न ही किसी को बिना ब्योरा भरे साइन किया हुआ चेक दें. रिकॉर्डिंग स्लिप पर जारी किए गए चेक का ब्योरा दर्ज करें.
एटीएम कार्ड या ऑनलाइन बैंकिंग में किसी फ्रॉड के मामले में अगर तीन दिन के भीतर बैंक को शिकायत कर दी तो आपका पैसा वापस मिल जाएगा. एटीएम कार्ड से किसी फ्रॉड या गलत लेन-देन पर आपको 3 से 7 दिन का नियम जरूर याद रखना चाहिए. RBI की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि बैंक अकाउंट से कोई फ्रॉड होता है और वह समय पर बैंक को इसकी सूचना देता है तो उसका नुकसान नहीं होगा. इस मामले में बैंक उसके पैसे की भरपाई कर देगा.