क्या बरसात के मौसम में दूध-दही खाना छोड़ देना चाहिए? बड़ों की इस सलाह पर क्या कहता है विज्ञान

अक्सर आपने घर में देखा होगा कि दादी- नानी बरसात के मौसम में खासतौर से सावन में दूध और चीजों से बने शोरों जैसे दही, छाछ वगैरह का सेवन करने से मना किया करते थे। सावन के महीने की शुरुआत से ही दूध, दही, छाछ खाना बंद कर दिया जाता है। जबकि नाग पंचमी पर विशेष रूप से खीर बनाई और खिलाई जाती है।

हम इस पर अकसार कन्फ्यूज हो जाते हैं, कि भई करते रहना चाहिए और क्या नहीं! तो इस कन्‍फ्यूजन को दूर करने के लिए हमने विज्ञान का सहारा लिया। हमने यह जानने की कोशिश की कि बरसात के मौसम का हमारे सेहत और हमारी डाइट से आखिरकार लेना-देना है! आज वही हम आपके साथ साझा करने वाले हैं।
मौसम में बदलाव के साथ यह जरूरी है कि आप अपनी डाइट में भी बदलाव करें। चित्र: रुजुता दिवेकरक्या इस मान्यता के पीछे का लॉजिक है
सावन में हम अपनी resular डाइट में कई बदलाव करते हैं। जो हरि चिंताओंियों हम अन्य दिनों में खाने की सलाह दी जाती है, वही हरी पत्तीतेदार चिंताओंियों इन दिनों अवॉइड करने को कहा जाता है। इसका सीधा सा कारण है कि यह मौसम बहुत से कीट-पतंगों का ब्रीडिंग सीजन होता है। इस दौरान इन हरी पत्तीतेदार सब्जियों में भी बहुत जियादा कीड़े लगते हैं। इनसे बचने के लिए इस मौसम में हरी पत्तीतेदार चिंताओंियों को खाने से बचने की सलाह दी जाती है।
लॉ दूध-दही छोड़ने का लॉजिक करता है
दरसल इसके पीछे का लॉजिक यह है कि पुराने समय में गाय-भैंस चरने के लिए खुली छुट्टी दी जाती थी। बारिश के समय में मौसमी पौधे और घास उग जाते थे, जिन्हें गाय भैंस खा सकती थीं। किसी भी पशुपालक के लिए इतना ध्यान रखना सम्भव नहीं था कि उसके जानवर क्या खा रहे हैं। कई बार जंगली घास खाने से दूध में अजीब महक या स्वाद आ जाता था। उस समय दूध संभाल कर रखने के लिए फ्रिज भी नहीं हुआ था। जिसके कारण दूध जल्दी फट जाता था।
दूध पीकर बच्चों को कोई इन्फेक्शन न हो जाए, इसलिए बड़े-बुजुर्ग दूध का सेवन करने से मना करते थे।
सावन में खाना नहीं खाना चाहिए, बड़ों की इस सलाह पर क्या कहना है। चित्र: चारिस्टॉकमॉडर्न समय में दूध से परहेज करें या नहीं?
आज के समय में सभी पैकेट बन्द दूध खरीदते हैं। इतना ही नहीं, पशुपालन भी पूरी तरह से साइंटिफिक हो गया है। डेरी फार्म्स में गाय क्या खा रहे हैं इसका ख़ास खयाल रखा जाता है। पैकेट में मिलने वाला दूध भी पास्चर रिफड होता है और उसमें इन्फेक्शन के चान्सेस ना के बराबर ही होते हैं। इसलिए आज के समय में सावन में दूध, दही खाने में कोई हर्ज़ नहीं है, लेकिन हां कुछ स्वास्थ्य संबंधीधी सावधानी ज़रूर होनी चाहिए।
इन बातों का ध्यान रखें
1. दूध पीने में इन्फेक्शन का कोई खतरा नहीं है, लेकिन इस मौसम में ठंडा दूध आपको बीमार कर सकता है। सावन में दूध पीने का सबसे सही तरीका दूध को गर्म करके पीना है। यह हम नहीं कह रहे हैं, मुंबई बेस्ड हेल्थ एंड फ़ूड एक्सपर्ट नीता लाम्बा कह रहे हैं। नीता मानसून में गर्म दूध ही पीने की सलाह देती हैं। गुनगुने दूध में आधा चम्मच हल्दी सहित पीने से सर्दी जुकाम से भी बचे रहेंगे और इम्यूनिटी भी बूस्ट होगी।
2. दही और छाछ शाम के वक्त खाने से भोजन। दिन में खाने के साथ ही दही लेना चाहिए। होने-मानी माईक्रोबायोटिक स्वास्थ्य कोच शिल्पा अरोड़ा कहती हैं कि ठंड मौसम में दही को अवॉइड करना चाहिए। लेकिन अगर आप दही पसन्द करते हैं और नहीं छोड़ना चाहते हैं तो दही में काली मिर्च और काला नमक मिलाकर खा सकते हैं।
3. गला खराब हो तो दही बिल्कुल ना खाएं। अगर आपको जोड़ों की समस्या रहती है तो दही खाने से बचना चाहिए।
अब जब हमने आपके सभी गुप्त क्लियर कर दिए हैं, तो सावन में जमकर मस्ती करें और स्वस्थ रहें। और अगली बार जब कोई तुम्हें सावन में दूध पीने से रोके, तो उन्हें सही लॉजिक भी ज़रूर समझा जाएगा।

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