नई दिल्ली, 11 जुलाई (आईएएनएस)। लोक लेखा समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में पीएम केयर्स फंड को लेकर बातचीत पर कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया। बैठक में कोरोना महामारी से उपजे संकट से निपटने को लेकर भी बातचीत अधूरी रह गई। सूत्रों के मुताबिक, लोक लेखा समिति के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कोरोना की वजह से देश भर में लागू की गई बंदी से लोगों को हुई परेशानियों पर चर्चा करने की कोशिश की। लेकिन समिति में मौजूद सदस्यों ने इसमें सहयोग नहीं दिया। सूत्रों के मुताबिक बैठक में भाजपा सांसदों ने यह कहकर आपत्ति जतायी कि इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेकर चर्चा नहीं हो सकती है।
इस मुद्दे पर लोकलेखा समिति के सदस्य बीजू जनता दल के सांसद भृतहरि महताब ने आईएएनएस को बताया, पिछले एक साल में कमेटी ने सिर्फ दो रिपोर्ट दी हैं। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष किसी भी मुद्दे पर चर्चा का प्रस्ताव तो रख सकते हैं, लेकिन चर्चा के लिए कमेटी में सर्वसम्मति बननी जरूरी है। जब अध्यक्ष ने कोविड-19 के प्रभाव पर चर्चा का प्रस्ताव दिया तो किसी सदस्य ने इसका समर्थन नहीं किया और इस पर चर्चा नहीं हो सकी।
दरअसल लोकलेखा समिति के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी कोरोना संकट पर समिति में चर्चा चाहते थे। उन्होंने समिति के सदस्यों से कृषि, छोटे उद्योगों पर कोरोना महामारी और उसके प्रभाव पर बात करने को कहा, लेकिन उनके इस प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए भाजपा सांसद तैयार नहीं हुए।
-आईएएनएस