-गहलोत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव के बाद डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि शुरू उन्होंने किया है, खत्म हम करेंगे।
जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के द्वारा पिछले दिनों राज्यसभा चुनाव के दौरान हुई बयानबाजी पर भाजपा के अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी के समक्ष विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया जाना कांग्रेस के लिए ही भारी पड़ता नजर आ रहा है।
पहले से ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के रूप में दो खेमों में विभाजित कांग्रेस के लिए शुक्रवार का दिन बुरी खबर लेकर आया, जब भारतीय जनता पार्टी की तरफ से नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया समेत 10 विधायकों के द्वारा खुद मुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव विधानसभा में पेश कर दिया गया।
यदि विधानसभा अध्यक्ष जोशी के द्वारा भाजपा का विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव स्वीकार कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नोटिस दिया जाता है तो इससे राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार सवालों के कटघरे में खड़ी हो जाएगी।
इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने जो विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया वह बनता ही नहीं है। कटारिया ने कहा है कि उस प्रस्ताव में 23 विधायक कौन हैं, इसका हवाला दिया ही नहीं गया है।
उन्होंने सवाल किया कि यदि वह विशेषाधिकार है तो फिर मुख्यमंत्री ने 35 करोड़ की डील की बात कही है, वह भी विशेषाधिकार हनन की श्रेणी में आता है। साथ ही कहा है कि स्पीकर तय करेंगे विशेषाधिकार बनता है या नहीं।
इसी मामले में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि दूसरे के कंधे पर बंदूक रखकर चलाने में मुख्यमंत्री को महारत हासिल है। सीएम ने संयम लोढ़ा को आगे करके बिना तथ्यों के विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया है।
जिस प्रकार के आरोप उन्होंने लगाए हैं, उसी का परिणाम है कि विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव हमने पेश किया है। राठौड़ ने कहा कि जिस भाषा में हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने कहा उससे भी तीखी भाषा में उन्होंने 35 करोड़ वाली बात कहकर 200 विधायकों का अपमान किया है।
संयम लोढ़ा के आरोप में ना किसी विधायक का नाम, न कोई व्यक्तिगत बात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कही है।
अपने खिलाफ विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर बोलते हुए भाजपा के अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कहा है कि विराम नहीं है, शुरुआत है, जो शुरुआत की है अब अंजाम तक जाएगी, शुरुआत उन्होंने की है, खत्म हम करेंगे।
डॉ. पूनियां ने कहा कि मेरे खिलाफ चलाया गया पॉलिटिकल प्रोपेगंडा था, इससे ज्यादा कुछ नहीं है। स्पीकर ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार किया, वैसे ही हमने भी प्रस्ताव दिया है।
उन्होंने कहा कि सदन के बाहर के बयान विशेषाधिकार हनन में आते ही नहीं हैं। आपको बता दें कि 19 जून को संपन्न हो गई राज्य के तीन राज्यसभा सीटों के लिए मतदान से पहले कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि भाजपा जोड़-तोड़ करने के लिए विधायकों को 35 करोड़ रुपये का ऑफर दे रही है, हालांकि उन्होंने किसी भी व्यक्ति का नाम नहीं लिया था।
इसके बाद भाजपा के अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने पलटवार करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार की तरफ से 24 विधायकों को कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने के लिए आन आवंटन, रिको में प्लॉट आवंटन और कैश ट्रांजैक्शन जैसे काम किए गए थे।