कोविड-19 के कारण स्वास्थ्य क्षेत्र में हो सकता है व्यापक सुधार

नई दिल्ली, 10 जुलाई- कोविड -19 महामारी के कारण जन-जीवन और अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में इसका स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सहित अनेक क्षेत्रों में दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा जिसके कारण स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होंगी।

कोविड-19 संक्रमण के कारण हालांकि दुनिया भर में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और स्वास्थ्य सेवाएं चरमर्रा गई हैं। कोविड -19 और उसके कारण लागू लॉकडाउन के कारण अन्य बीमारियों के मरीजों को जरूरी इलाज से वंचित रहना पड़ा लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में कोविड- 19 के कारण चिकित्सा के क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। इनमें चिकित्सा के क्षेत्र में निवेश को बढाया जाना, संक्रमण के नियंत्रण की बेहतर प्रणालियों को लागू किया जाना, टेलीमेडिसीन का व्यापक उपयोग और व्यक्तिगत साफ-सफाई को अधिक महत्व दिया जाना आदि प्रमुख है।
इस विषय पर अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं की टीम के प्रमुख नयी दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन प्रो़फेसर (डा.) राजू वैश्य ने कहा कि आने वाले समय में सरकारें स्वास्थ्य सेवा के ढांचे में सुधार और निवेश पर अधिक ध्यान देंगी, जिसके कारण स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा। इसके अलावा चिकित्सा के क्षेत्र में टेलीमेडिसीन क्रांति की शुरूआत हो रही है और भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रसार में इसकी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसके अलावा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में शोध एवं अनुसंधान को अधिक बढ़ावा भी मिलेगा।
डॉ. वैश्य एवं उनके सहयोगी शोधकर्ताओं ने स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर कोविड -19 के परिणामों का विश्लेषण किया और उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि कोविड - 19 स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं को सुलभ बनाने में, गंभीर मरीजों के इलाज की व्यवस्था को बेहतर बनाने में, ओपीडी सेवा में सुधार करने में, स्वास्थ्य ढांचे में सुधार तथा स्वास्थ्य निवेश में सुधार जैसे कई सकारात्मक बदलाव लाएगा। इन शोधकर्ताओं के अनुसार कोविड -19 महामारी ने इस तथ्य को उजागर किया है कि भारत सहित कई देशों में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर होने वाला खर्च बहुत कम है और इन देशों में खासकर भारत में स्वास्थ्य के लिए अधिक निवेश किए जाने तथा सार्वजनिक एवं निजी स्वास्थ्य क्षेत्र को को सही तरीके से संचालित एवं सुव्यवस्थित किए जाने की जरूरत है।
इन शोधकर्ताओं में डॉ. वैश्य के अलावा नई दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल के अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. कार्तिकेयन अयंगर, ब्रिटेन के साउथपोस्ट एंड ऑर्म्सकिर्क एनएचएस ट्रस्ट के शोधककर्ता डॉ. विजय जैन तथा डॉ. अहमद मब्रोक, ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी हाॅस्पीटल लंडोफ और वेले यूनिवर्सिटी हेल्थ बोर्ड 'कोर्डिफ' वेल्स में क्लिनिक फेलो डॉ. आकाश वेंकटेशन तथा नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में आर्थोपेडिक सर्जन हैं डॉ. अभिषेक वैश्य शामिल हैं।
इन शोधकर्ताओं ने कहा है कि केन्द्र सरकार स्वास्थ्य पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के करीब 1.3 प्रतिशत हिस्सा खर्च करती है जो कि कोविड 19 जैसी महामारियों से लड़ने के लिहाज से काफी कम है और ऐसे में इसके कारण उत्पन्न स्थितियों ने भारत एवं अन्य देशों मे स्वास्थ्य के क्षेत्र में दीर्घकालिक परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
हाल ही में महामारी के दौरान सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली सुधार के लिए खर्च को बढ़ाया है। सरकार ने पीपीई, वेंटिलेटर, अस्पताल के बुनियादी ढांचे का निर्माण, आईसीयू बेड, अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति और प्रयोगशालाओं को मजबूत करने जैसे जीवन रक्षक उपकरण बनाने और निवेश करने के साथ अधिक आत्मनिर्भर बनने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना 'आत्म निर्भर भारत' की शुरूआत की है।
डायबिटीज एंड मेटाबोलिक सिंड्रोम: क्लिनिकल रिसर्च एंड रिव्यूज़ में हाल ही में प्रकाशित अपने शोध पत्र में इन शोधकर्ताओं ने कहा कि दुनिया भर में मेडिकल पत्रिकाओं में शोध पत्रों को प्रकाशन के लिए भेजे जाने की संख्या में तीन से चार गुना वृद्धि हुई है और यह सकारात्मक प्रवृत्ति भविष्य में जारी रह सकती है और इन अनुसंधानों से भविष्य में महामारी से निपटने के प्रभावी साधनों को खोजने तथा विभिन्न बीमारियों के लिए कारगर उपचार विकसित करने में काफी मदद मिल सकती है।
इन शोधकर्ताओं ने पाया कि वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने, वायरस संक्रमण के इलाज, हाथों की साफ-सफाई, संक्रमणों के नियंत्रण और स्वास्थ्य के विभिन्न् विषयो के बारे में जानकारियों को साझा किए जाने की दर में काफी वृद्धि हुई। साथ ही साथ स्वास्थ एवं चिकित्सा के क्षेत्र में वर्चुअल एवं रिमोट तकनीकों के उपयोग में भी अभूतपूर्व तेजी आई है।
डॉ राजू वैश्य ने कहा कि कोविड - 19 महामारी के कारण स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण संभावनाओं और अवसरों का उदय हुआ है। इस महामारी के कारण हमने कई महत्वपूर्ण सबक सीखें हैं।

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