कोरोना की वैक्सीन की खोज दुनियाभर में चल रही है। सभी जल्द से जल्द इस वायरस का तोड़ ढूंढने की प्रयास कर रहे हैं। लेकिन वैक्सीन के आने तक शरीर को कोरोना से लड़ने की लिए तैयार करने के लिए अब 'चाय' आपकी मदद कर सकती है। आईआईटी दिल्ली की एक स्टडी में सामने आया है कि चाय व हरीतकी यानी हरड़ कोरोना संक्रमण के विरूद्ध लड़ने में सक्षम है।
इस खास शोध में यह बताया गया है कि चाय व हरड़ के नाम से जानी जाने वाली हरीतकी को कोरोना संक्रमण के उपचार के वैकल्पिक तौर पर प्रयोग किया जा सकता है।
इस तरह के इलाज पद्धति में औषधीय गुणों वाले पौधे महत्वूपर्ण किरदार अदा करते हैं जो मानव शरीर के लिए लाभदायक हैं।
कुसुम स्कूल ऑफ बॉयोलॉजिकल साइंसेज, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर अशोक कुमार पटेल के मार्गदर्शन में हुए इस शोध में यह भी साफ हुआ कि चाय (ब्लैक व ग्रीन टी) व हरीतकी में वायरसरोधी गुण हैं जो कोविड-19 के इलाज में विकल्प के रूप में अपनाए जा सकते हैं।
क्यों है ये खास चाय व हरीतकी में उपस्थित गैलोटिनिन कोरोना वायरस के मुख्य प्रोटीन को कम करने में बहुत प्रभावी है।
शोध में इसके लिए 51 औषधीय पौधों पर रिसर्च की गई व बहुत से औषधीय पौधों का उपयोग किया गया
दरअसल शोध के दौरान प्रयोगशाला में वायरस के एक मुख्य प्रोटीन 3 सीएलप्रो प्रोटीज को क्लोन किया गया। प्रोटीज एक प्रकार का एंजाइम होता है, जो प्रोटीन्स को छोटे पॉलीपेप्टाइड्स में अथवा एक अमीनो एसिड में विघटित कर देता है।
इस इन- विट्रो एक्सपेरिमेंट में पाया कि ब्लैक टी व ग्रीन टी व हरीतकी मुख्य प्रोटीन की गतिविधि को रोक पाने में सक्षम हैं।
यानी कि यह दो पौधे चाय व हरड़ इस प्रोटीन की वृद्धि को रोकने में अच्छा साबित हुए हैं। दोनों पौधे वायरस की मारक क्षमता कम कर देते हैं।
ग्रीन टी से भी होता है फायदा शोधकर्ताओं ने भी बताया कि ग्रीन टी एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है व यह कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में बहुत ज्यादा मददगार है। बिना दूध की चाय यानी ब्लैक टी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करती है। इम्यूनिटी से लड़ने के लिए काली चाय बहुत बढ़िया है।