डिलीवरी के बाद खाएं ये पारंपरिक पौष्टिक आहार, दूर होगी सारी कमजोरी

नई दिल्ली : डिलीवरी के बाद मांओं का शरीर बहुत कमजोर हो जाता है। एक नन्‍हीं सी जान को इस दुनिया में लाने के ल‍िए मां को अत्‍यंत पीड़ा और मुश्किलों से गुजरना पड़ता है। एक शिशु को जन्‍म देना बिल्‍कुल भी आसान नहीं होता है। डिलीवरी के बाद महिलाएं बहुत कमजोर हो जाती हैं और अगर इस नाजुक समय में वो अपनी सेहत के साथ अनदेखी करती है तो इसका खमियाजा उन्‍हें पूरी जिंदगीभर उठाना पड़ सकता है।डिलीवरी के बाद भी महिलाएं चुस्‍त-दुरुस्‍त रहें इसल‍िए पुराने जमाने में नानी-दादी कई पोषक चीजें बनाकर खिलाती थी।

आइए जानते है कि किन होममेड और घरेलू चीजों को खाने के बाद नई माएं, कमजोरी को मिटा सकती है।खाने वाली गोंद, मूंग की दाल, आटे और सूखे मावे से बने लड्डू भी मां के शरीर को प्रोटीन व अन्‍य पोषक तत्‍व की पूर्ति करते हैं और इससे कमजोरी काफी हद तक कम होती हैं।गेंहू के आटे और अजवाइन में खूब फाइबर होता है। इसे खाने से पाचनक्रिया दुरुस्‍त होती है। इससे महिलाओं की पेट से संबंधित दर्द भी दूर होता है।डिलीवरी के बाद अक्‍सर शरीर में दर्द और सूजन रहती है।
पुराने जमाने में मांसपेशियों का दर्द दूर हो और शरीर को तुरंत एनर्जी मिले इसके ल‍िए प्रसूताओं का खसखस के लड्डू, खसखस का सूप, खसखस का हलवा या इसे दूसरे चीजों में मिलाकर सेवन कराया जाता था। जिससे कि शरीर का दर्द और सूजन दूर होता है।प्रसव के बाद पाचन क्रिया पर भी थोड़ा असर पड़ता है। इसे फिर से दुरुस्‍त करने के लिए सौंफ का पानी पीना फायदेमंद होता है।
खजूर में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो कब्‍ज की समस्‍या को दूर कर इसमें मौजूद आयरन को खून में बढ़ाने का काम करता है। इसे खाने से थकान व कमजोरी कम होती है।नई मांए अक्‍सर डिलीवरी के बाद 2 से 3 महीनें तक बेडरेस्‍ट पर रहती है। लेकिन आराम के साथ व्‍यायाम भी बहुत जरुरी होता है। मांसपेशियों को बल मिले और शरीर में पहली जैसी स्‍फूर्ति आए, इसके ल‍िए व्‍यायाम भी बहुत जरुरी है

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