इंसान के जिस्म का कोई भी बाहरी हिस्सा कम या खत्म होने लगे या हो जाए तो उस में हीनभावना का पैदा हो जाना स्वाभाविक है. सिर के बाल भी इंसानी जिस्म का हिस्सा होते हैं. गंजापन, केशाभाव या बालों का झड़ना हलके से ले कर सिर के पूरी तरह गंजा होने तक का हो सकता है. आमतौर पर 50 से 100 बाल हर दिन टूटतेझड़ते हैं. यह कुदरती प्रक्रिया है. यदि इस से ज्यादा बाल झड़ते हैं, तो यह गंजेपन यानी बाल्डनैस का विषय हो सकता है.
देशदुनिया के लोगों में गंजापन तेजी से बढ़ रहा है. इस का कारण है लोगों का गलत खानपान और जीवनशैली. गंजेपन को ले कर पुरुषों में अकसर ही काफी हीनभावना रहती है. एक उम्र के बाद जब उन के सिर पर से बाल उड़ने लगते हैं, तो उन का सैल्फ कौन्फिडैंस चोट खा जाता है. अपनी इमेज को ले कर वे शर्म महसूस करने लगते हैं. आजकल तो छोटी उम्र के बच्चों में भी बाल झड़ने की समस्या होने लगी है.
वहीं, गंजेपन का शिकार आमतौर पर सिर्फ पुरुष ही होते हैं, ऐसा क्यों? महिलाओं में गंजापन बहुत ही कम दिखाई देता है या किसी बीमारी के कारण होने वाला गंजापन ही उन में होता है. जबकि, पुरुषों की उम्र 40 पार होतेहोते आधे से ज्यादा में गंजापन ज़ाहिर होने लगता है.
बाल्डनैस क्यों :
मैडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार, पुरुषों में बालों के झड़ने का सब से आम कारण एंड्रोजेनेटिक एलोपीशिया माना जाता है. इस को 'पुरुष पैटर्न गंजापन' के रूप में भी जाना जाता है. इस में पुरुषों के सिर के बाल झड़ने लग जाते हैं. माथे की तरफ से या सिर के ऊपर से पहले धीरेधीरे बाल झड़ने शुरू होते हैं. फिर पतले होतेहोते ख़त्म हो जाते हैं. जैसे हमारे शरीर में चमड़ी के ऊपर रोमछिद्र होते हैं वैसे ही सिर की चमड़ी के ऊपर हेयर फौलिकल्स होते हैं. इन्हीं में से बाल निकलते हैं. जब ये हेयर फौलिकल्स सिकुड़ने लगते हैं, तो बाल पतले होने शुरू हो जाते हैं. समय के साथ धीरेधीरे ये गायब भी हो जाते हैं.
गंजेपन का एक कारण यह भी. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, इंसान के जिस्म में टैस्टोस्टेरौन एक ऐसा हार्मोन होता है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाया जाता है मगर पुरुषों में इस की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. पुरुषों के पुरुषत्व वाले शारीरिक बदलावों के लिए यही हार्मोन जिम्मेदार होता है. टैस्टोस्टेरौन पुरुषों में स्रावित होने वाले एंड्रोजन समूह का स्टेरौयड हार्मोन है, जिस के कारण पुरुषों में बाल झड़ने की समस्या पैदा होती है. दरअसल, इंसान के शरीर में कुछ एंजाइम ऐसे होते हैं जो टैस्टोस्टेरौन को डिहाइड्रो-टैस्टोस्टेरौन में बदल देते हैं. इसी डिहाइड्रो-टैस्टोस्टेरौन के कारण बाल पतले व कमजोर हो जाते हैं और फिर झड़ने लगते हैं. सामान्यतौर पर हार्मोंस में यह बदलाव करने वाले एंजाइम एक इंसान में उसे उस के जींस से प्राप्त हुए होते हैं. इसी कारण गंजेपन को आनुवंशिक यानी खानदानी भी माना जाता है.
स्किन स्पैशलिस्ट डाक्टर भावुक मित्तल का कहना है कि जेनेटिक्स (खानदानी कारण यानी पहले से घर के पुरुषों में यह दिक्कत चली आ रही हो), उम्र का बढ़ना, और हार्मोंस का ऊपरनीचे होना बाल्डनैस के सब से बड़े कारण हैं. दूसरे कारणों में विटामिन्स और मिनरल्स की कमी, न्यूट्रीशन वाला खाना न खाना, स्ट्रेस, लंबी बीमारी को गिना जाता है.
बालों को झड़ने से रोकें :
अगर जेनेटिक कारणों से हेयर लौस हो रहा है, तो उसे धीमा किया जा सकता है. पूरी तरह से उस से छुटकारा नहीं पाया जा सकता. लेकिन अगर बीमारी या पोषण की कमी की वजह से बाल झड़ रहे हैं, तो उन के लिए उपाय किए जा सकते हैं. शरीर में आयरन की कमी की वजह से भी बाल झड़ते हैं. अगर इन में से कोई भी वजह नहीं है, तो आप को फुल बौडी टैस्ट करा कर अपने हार्मोंस की जांच भी करवा लेनी चाहिए. इस बाबत डाक्टर आप को बेहतर सलाह दे पाएंगे.
महिलाओं में गंजापन नहीं :
महिलाओं में भी टैस्टोस्टेरौन पाया जाता है मगर उन में इस की मात्रा बहुत कम होती है. जब यह महिलाओं में अधिक स्रावित होता है तो महिलाओं में अनचाहे बालों की अधिक मात्रा में आने की समस्या पैदा होती है. महिलाओं के शरीर में मुख्यरूप से एस्ट्रोजन हार्मोन का स्राव होता है, जो महिलाओं के शरीर में टैस्टोस्टेरौन के डिहाइड्रो-टैस्टोस्टेरौन में बदलने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है. इसीलिए, महिलाओं में बाल झड़ने की समस्या तो होती है मगर गंजापन नहीं होता है.
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं. कई बार जब महिलाओं के शरीर में इस दौरान टैस्टोस्टेरौन हार्मोन का स्राव बढ़ जाता है, तो बाल झड़ने की समस्या उत्पन्न होती है. इसलिए अकसर महिलाओं को गर्भावस्था और मेनोपौज में बाल झड़ने की समस्या होती है.
इस प्रकार साफ़ है कि मानव शरीर की संरचना में भिन्नता के चलते पुरुष के सिर के बाल झड़तेझड़ते उस पर गंजापन उभर आता है जबकि महिला के सिर के बाल झड़ते तो हैं लेकिन वे गंजापन की हद तक नहीं झड़ते. हां, उन में अनचाहे बालों के अधिक मात्रा में आने की समस्या पैदा हो सकती है. इस में शक नहीं है कि सिर के बाल इंसान की खूबसूरती में चारचांद लगाते हैं.