आज सुबह 7:30 बजे विकास दुबे का एनकाउंटर हो गया जिसके बाद पुलिस ने उसे मृत घोषित कर दिया। लेकिन अभी सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आज विकास दुबे का पुलिस ने जानबूझकर एनकाउंटर किया।
यह बात पहले से तय थी कि अगर विकास दुबे उत्तर प्रदेश में पकड़ा था तो उसका एनकाउंटर हो जाता लेकिन इसी से बचते हुए उसने अपने आप को उज्जैन में सरेंडर किया। उसे या डर पहले से ही था कि कहीं उसका एनकाउंटर न कर दिया जाय। तो क्या सच में पुलिस ने कहीं उत्तर प्रदेश में घुसते हैं लखनऊ के पास उसका एनकाउंटर तो नहीं कर दिया।
इसके जवाब में हम आपसे कुछ बातें कहना चाहेंगे
•विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद कानपुर के एसपी ने अपने बयान में कहा कि 4 पुलिसवाले इसमें घायल हुए हैं। लेकिन अभी तक पुलिस की तरफ से कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है कि वे कहां पर भर्ती है और ना ही उन्हें विकास दुबे के साथ अस्पताल लाया गया। तो आखिर क्या सच में कोई पुलिस वाला जख्मी हुआ भी है या फिर यह एक मात्र झूट है।
•हमने फोटो में देखा कि पुलिस की गाड़ी पलटी हुई है लेकिन कोई भी पांच आदमी मिलकर किसी भी गाड़ी को पलटा सकता है। आप खुद ही किसी suv को बगल से यदि धक्का दोगे तो वह हिलने लगती है। किसी भी पांच से छह आदमी के द्वारा यह संभव है कि वह किसी suv को पलटा सकते हैं।
•आखिर पुलिस की गाड़ी अभी जो पलटी जब विकास दुबे को जिस कोर्ट में पेशी देनी थी वह आ ही चुका था। जी हां विकास दुबे को जिस ग्रामीण कोर्ट में पेशी देनी थी वह मात्र वहां से पांच से 7 किलोमीटर दूर था। जिस से पहले ही गाड़ी पलट गई।
•यह सवाल आपको भी सोचने पर मजबूर कर देगा क्योंकि विकास दुबे जब खुद ही उज्जैन में सरेंडर हुआ तो वह आखिर भागना क्यों चाहेगा। विकास दुबे ने उज्जैन में अपने आप को सरेंडर किया था ताकि उसे पुलिस मार ना दे और वहां पर वह चिल्ला कर अपना नाम भी पुकार रहा था। तो फिर पलटी हुई गाड़ी से भागकर वह अपने आप को हानि क्यों पहुंचना चाहेगा।