नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने अपने सभी कर्मियों और सैनिकों को राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों के कारण 89 एप हटाने के लिए कहा है। सेना ने जिन 89 एप को हटाने को कहा है, उनमें स्वीडिश कॉलर आइडेंटिफिकेशन एप ट्रूकॉलर भी शामिल है। ट्रूकॉलर ने प्रतिबंधित एप्लिकेशन की सूची में उसे शामिल किए जाने को लेकर गुरुवार को बयान दिया और इस कदम को अनुचित और अन्यायपूर्ण करार दिया।इस सूची में न केवल टिकटॉक जैसे चीनी एप शामिल हैं, जो पहले से ही सरकार द्वारा प्रतिबंधित हैं, बल्कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, जूम और रेडिट जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म भी हैं।
भारतीय सेना चाहती है कि उसके कर्मी राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए इन एप को हटा दें।
ट्रूकॉलर के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, यह जानना निराशाजनक और दुखद है कि ट्रूकॉलर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा उसके कर्मियों के लिए प्रतिबंधित 89 एप की सूची में शामिल है। ट्रूकॉलर स्वीडिश मूल का एक ऐसा एप है, जो भारत को अपना घर मानता है।
ट्रूकॉलर का मुख्यालय स्टॉकहोम में है। इस एप के जरिए एक व्यक्ति को किसी अन्य अज्ञात व्यक्ति द्वारा की गई कॉल के संबंध में कुछ जानकारी प्राप्त हो जाती है। जैसे व्यक्ति दूसरी ओर से कॉल करने वाले व्यक्ति की कॉलर आईडी का पता लगाने में सहायक होता है। इसके साथ ही यह एप किसी भी तरह की स्पैम कॉल का पता लगाने, संदेश भेजने और अन्य कई आकर्षक ऑफर भी प्रदान करता है।
बयान में कहा गया, हम यह दोहराना चाहते हैं कि ट्रूकॉलर हमारे नागरिकों और हमारे सशस्त्र बलों के कर्मियों के उपयोग करने के लिए सुरक्षित है। हमें ट्रूकॉलर के इस सूची में होने का कोई कारण नहीं दिखाई दे रहा है और हम इस मामले की आगे जांच करेंगे।
बयान में कहा गया, ट्रूकॉलर भारत में 17 करोड़ से अधिक लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सेवा प्रदान करता है, जो हर दिन करोड़ों स्पैम कॉल और एसएमएस की पहचान और उन्हें अवरुद्ध करता है।
कंपनी ने सेना द्वारा इस एप को हटाने के कदम को अनुचित और अन्यायपूर्ण करार देते हुए इसे हर प्रकार से एक सुरक्षित एप बताया।
बयान में कहा गया कि वैश्विक स्तर पर ट्रूकॉलर के अधिकांश कर्मचारी भारतीय हैं। कंपनी ने दावा किया कि प्लेटफॉर्म न तो फोनबुक अपलोड करता है और न ही उपयोगकर्ता (यूजर्स) का डेटा बेचता है।
-आईएएनएस