आइए जानिए, गाउट रोग क्या व इसके लक्षण के बारे में

यह एक प्रकार का आर्थराइटिस है जो रक्त में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से होता है. यूरिक एसिड हानिरहित व्यर्थ उत्पाद है जो शरीर की सामान्य कोशिकाओं और भोजन में उपस्थित कुछ तत्त्वों के टूटने से बनता है.

सामान्य प्रक्रिया के रूप में किडनी इस एसिड को फिल्टर कर यूरिन के रूप में बाहर करती है. लेकिन किसी कारण शरीर में इस एसिड की मात्रा बढ़ने से यह छोटे कणों के रूप में जोड़ों में जमता है. इनमें तेज दर्द होता है. यह स्थिति गाउट कहलाती है.
इस बीमारी के कारण व लक्षण क्या हैं? गाउट के मुख्य कारण हैं- बढ़ती उम्र, अधिक वजन, टाइप-2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, दिल रोगों के लिए ली जाने वाली दवाएं, एस्प्रिन और यूरेटिक दवा लेने से शरीर में यूरेट का स्तर बढऩे लगता है. इसके लक्षण आकस्मित दिखाई देते हैं, विशेषकर रात के समय. इसमें शामिल हैं, सबसे पहले पैर के अंगूठे में सूजन, तेज दर्द और लालिमा. पैरों, टखनों, घुटनों, हाथों और कलाइयों में तेज दर्द, जोड़ों में सूजन और लालिमा आदि. जैसे-जैसे गाउट रोग बढ़ता है जोड़ों की गतिविधि कम हो जाती है. ऐसे में किसी भी तरह के मूवमेंट में दर्द होता है.
रोग की पहचान के लिए कौनसी जांचें होती हैं? जॉइंट फ्लूड टैस्ट में सुई की मदद से प्रभावित जोड़ से तरल निकालते हैं. इसे माइक्रोस्कोप के नीचे रखकर परीक्षण करते हैं तो यूरेट के क्रिस्टल दिखते हैं. ब्लड टैस्ट, एक्सरे व अल्ट्रासाउंड के जरिए यूरिक एसिड और क्रिएटिनिन लेवल, जोड़ों में सूजन का कारण व यूरेट क्रिस्टलों का पता लगाते हैं.
रोग से बचाव के क्या तरीका हैं? पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं. चेरी खाना लाभकारी है. हरा धनिया, गाजर, खीरा और चुकंदर का जूस प्रतिदिन पीया जा सकता है.

अन्य समाचार