डिप्रेशन की समस्या से निजात पाने के लिए अपनाए ये टिप्स

हर आदमी के ज़िंदगी में कुछ न कुछ परेशानियां आती हैं. इसके चलते लोग उदास होते हैं व धीरे-धीरे इन परेशानियों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं. वहीं, कुछ लोग इन परेशानियों को अपने ऊपर हावी कर लेते हैं व इनसे पीछा नहीं छुटा पाते हैं.

यही स्थिति लगातार बने रहने पर वे लोग अवसाद में चले जाते हैं. आरंभ में तो आदमी को पता नहीं लगता है कि वह अवसाद की चपेट में आ चुका है लेकिन आने वाले समय में यह स्पष्ट हो जाता है कि वो अवसाद से घिर चुका है. इसके चलते लोग उदास होते हैं व धीरे-धीरे इन परेशानियों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं. वहीं, कुछ लोग इन परेशानियों को अपने ऊपर हावी कर लेते हैं व इनसे पीछा नहीं छुड़ा पाते हैं. यही स्थिति लगातार बने रहने पर वे लोग अवसाद में चले जाते हैं. आरंभ में तो आदमी को पता नहीं लगता है कि वह अवसाद की चपेट में आ चुका है लेकिन आने वाले समय में यह स्पष्ट हो जाता है कि वो अवसाद से घिर चुका है.
आजकल के तनावपूर्ण ज़िंदगी में योग एक ऐसा तरीका है जो हमें डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारी से लड़ने में सफलता प्राप्त करवाता है. आज घर-घर में कोई न कोई डिप्रेशन का मरीज़ है क्योंकि आज कल के बदलते व अनियमित खानपान व रेहनसहन ने लोगो में डिप्रेशन को बढ़ाया है. योग आपके मूड को हल्का करने व डिप्रेशन को जड़ से ख़त्म करने के सर्वोत्तम उपायों में से एक है. योग मस्तिष्क में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है व मूड-एलिवेटिंग हार्मोन के उत्पादन को सक्षम बनाता है.योग के एक्सरसाइज से हमारे शरीर पर किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं होता है, जो डिप्रेशन के लिए अन्य दवाओं की तुलना में बेहतर विकल्प बनाता है. अवसाद से लड़ने के लिए कुछ योग नीचे दिए गए हैं. जरूरी परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए कम से कम 12 हफ्ते तक उनका कोशिश करें.
दिखाई देते हैं इस तरह के लक्षण अवसाद आने के बाद आदमी में बहुत से अंतर नजर आने लगते हैं. उसमें चिड़चिड़ापन, गुस्सा आदि जैसे भाव आने लगते हैं. वह खुद को लोगों से दूर करने लगता है व लोगों से बात करने में हिचकिचाता है. आदमी को हर समय निराशा व अशांति जैसा माहौल लगने लगता है. यहां तक कि सुख, शांति, सफलता आदि भी उसे गलत लगने लगते हैं. आदमी पर हद से ज्यादा तनाव हावी हो जाता है. अवसाद को दूर करने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है. आइए जानते हैं योग के किन आसनों से अवसाद से राहत मिलती है.
बालासना बालासन आपके दिमाग को शांत करने में मदद करता है व तनाव व चिंता से राहत देता है. यह धीरे-धीरे आपके निचले हिस्से व कूल्हों को फैलाता है, जिससे आपके शरीर को आराम मिल जाता है. दिमाग पर शांति प्रबल होती है, जिससे आप डिप्रेशन से बेहतर ढंग से निपटने में मदद कर सकते हैं.
सेतू बन्धासना सेतु बन्धासना पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है व थके हुए पीठ को राहत देता है. यह तनाव, चिंता व डिप्रेशन से पीड़ित लोगों को आराम देने व करिश्मा करने में मदद करता है.
उर्ध्वा मुखा स्वानासन उर्ध्वा मुख स्वानासन सरलता से हल्की थकान व डिप्रेशन का उपचार कर सकता हैं. इसका आपके शरीर पर एक समग्र कायाकल्प असर पड़ता है व तनाव गायब हो जाता है । योग आपके मूड को हल्का करने व डिप्रेशन को जड़ से ख़त्म करने के सर्वोत्तम उपायों में से एक है. योग मस्तिष्क में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है व मूड-एलिवेटिंग हार्मोन के उत्पादन को सक्षम बनाता है.
उत्तानासन उत्तानासन आपकी पीठ, कंधे व गर्दन को तनाव से राहत देता है व आपके नर्वस सिस्टम के कामकाज में सुधार करता है. यह आपको शांत करता है व आपकी चिंता को कम करता है.
हलासन हलासन आपकी पीठ के तनाव को कम करता है व आपकी मुद्रा को बढ़ाता है. यह आपके मस्तिष्क को शांत करता है, यह एक अच्छा खिंचाव देता है, व तनाव को कम करता है. यह सिरदर्द व अनिद्रा को दूर करता है.
शवासन - शवासन का नाम मृत शरीर शब्द पर रखा गया है. शवासन एक आराम करने की मुद्रा है. इस आसन को करने से दिमाग शात रहता है व तनाव व अवसाद जैसी समस्या से छुटकारा मिलता है.
सुखासन - सुखासन को करने से सुख व शांति मिलती है. इसलिए इसे सुखासन कहते हैं. सुखासन से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है. इस आसन को नियमित करने से मन उदास नहीं रहता है व अवसाद में राहत मिलती है.
भुजंगासन- भुजंगासन नाम से ही पता चलता है कि इसका मतलब सांप से है. इस आसन में सांप की तरह फन फैलाने की मुद्रा होती है. इसको करने से अवसाद को दूर करने में लाभ होता है. इसके अतिरिक्त यह शरी में ऊर्जा बढ़ता है व पीठ दर्द में लाभ करता है.

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